नोटबंदी के बाद नकली नोट की बाढ़ आ गई थी। यहां तक कि लोगों ने फोटो स्टेट करके नोट चलाना शुरू कर दिया था। कई लोग पुराने नोटों को बदलवाने के लिए कमीशनखोरी भी कर रहे थे।
एएनआई के मुताबिक, नोटबंदी के लगभग 15 दिनों के बाद हैदराबाद पुलिस ने एक गैंग का पर्दाफाश किया था, जो दो हजार के नकली नोट छाप रहा था। ये लोग कलर प्रिंटर के साथ पकड़े गए थे। इस गैंग के पास बड़ी संख्या में 2000 के नोट और सौ, पचास, बीस और दस के भी कलर फोटोस्टेट वाले नकली नोट मिले थे। हैदराबाद से 35 किलोमीटर दूर इब्राहिमपटनम में इन नकली नोटों के नटवरलालों का खेल चल रहा था।
Hyderabad: Counterfeit Rs 20, Rs 50, Rs 100 and Rs 2000 notes worth more than Rs 2 lakh recovered; 6 arrested. pic.twitter.com/UfrDdZT7iZ
— ANI (@ANI) November 26, 2016
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक गैंग के लोग 2000 के नकली नोटों को मार्केट में खपाने के फिराक में थे। गैंग का मुखिया 28 साल का एक कसाई था, जिसका नाम जमालपुर साईनाथ है। साईनाथ नकली नोटों का यह ध्ांध्ाा जी अनजैया, सी सत्यनारायण, के श्रीधर गौड़, एस रमेश और ए विजय कुमार के साथ मिलकर करता था।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पड़ोसी देश पाकिस्तान में छपे नोट भी बरामद हुए थे। ये जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी और बीएसएफ को मिले जाली नोटों और इसी मामले में हुई कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद मिली थी।
8 फरवरी को बंगाल के मुर्शिदाबाद से 26 वर्षीय अजीजुर्रहमान को पकड़ा गया था जिसके पास से 2000 के 40 नकली नोट मिले थे। पूछताछ में अजीजुर्रहमान ने बताया कि फेक नोट को आईएसआई की मदद से पाकिस्तान में छापा गया है और बांग्लादेश होते हुए भारत भेजा जा रहा है। दो हजार की स्मगलिंग के लिए 400-600 रुपए देने पड़ते हैं।
इसके अलावा पंजाब में लड़के-लड़कियों का एक गैंग पकड़ा गया था। तीन लोग पंजाब के मोहाली में 42 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ पकड़े गए थे। ये सारे नोट 2000 के थे। इसमें एक लड़की और दो लड़के शामिल थे। ये तीनों नकली नोटों के साथ ऑडी से जा रहे थे। इस गाड़ी में लाल बत्ती भी लगी हुई थी।
मोहाली के एसपी परमिंदर सिंह भंडाला ने बताया था कि इन नकली नोटों के पीछे के मास्टरमाइंड में एक 21 साल का लड़का अभिनव वर्मा श्ाामिल है। इस लड़के ने बीटेक किया था। इस लड़के के साथ उसकी 20 साल की चचेरी बहन विशाखा और एक अधेड़ शख्स सुमन नागपाल को भी गिरफ्तार किया गया था।
विशाखा कपूरथला में रहती थी और सिक्किम से एमबीए कर रही थी। विशाखा के पिता रेलकोच फैक्ट्री में बड़े अधिकारी हैं। तीसरा शख्स सुमन नागपाल लुधियाना का रहने वाला था जो खुद को प्रॉपर्टी डीलर बता रहा था।
मोहाली के जगतपुरा इलाके में बुधवार को पुलिस को पहले से सूचना थी कि ये लोग ऑडी में पैसे लेकर जा रहे हैं। पुलिस ने जगतपुरा में इंस्पेक्टर हरसिमरन सिंह की अगुआई में गाड़ी रोककर 42 लाख रूपए जब्त कर लिए। इस गाड़ी की नंबर प्लेट का नंबर HR 70U0004 था।
पुलिस ने धारा 420, 489A, 489B, 489C, 489D, 489E और 120B के तहत केस दर्ज किया था।
ऐसे ही कई और गैंग का पर्दाफाश पुलिस ने किया था और नोटबंदी के तमाम दावों की पोल खुल गई थी।