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एनडीए में उठी भूमि अधिग्रहण पर श्‍वेत-पत्र की मांग

केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बुधवार को वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर किसान नेताओं से मुलाकात की। किसान संगठनों ने भू-स्‍वामियों की मर्जी के खिलाफ जमीन न लेने और देश में आजादी के बाद हुए भूमि अधिग्रहण पर श्‍वेत-पत्र जारी करने की मांग उठाई है।
एनडीए में उठी भूमि अधिग्रहण पर श्‍वेत-पत्र की मांग

नई दिल्‍ली। एनडीए के सहयोगी दल स्वाभिमानी शेतकारी संगठन समेत कई किसान संगठनों ने इस मुद्दे पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग उठाई है। एक पखवाड़े के भीतर जेटली की किसान नेताओं के साथ यह दूसरी मुलाकात है। किसान संगठन खेती की भूमि के अधिग्रहण और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे मुद्दों पर और ज्‍यादा स्‍पष्‍टता चाहते हैं। 

आज 60 से ज्‍यादा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाजपा किसान मोर्चो के नेता नरेश सिरोही के नेतृत्‍व में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। मिली जानकारी के अनुसार, किसान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के उस प्रावधान को बनाए रखे जिसके तहत यदि भूमि का इस्तेमाल पांच साल तक नहीं होता तब उसे मूल स्वामी को लौटा दिया जाएगा। इसके अलावा पिछले 60-65 साल में किसानों से ली गई जमीनों का किन उद्देश्‍यों के लिए इस्‍तेमाल हुआ, सरकार इस पर एक श्‍वेत-पत्र भी जारी करे। गौरतलब है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर फिलहाल संसद की एक संयुक्त समिति विचार-विमर्श कर रही है। बैठक में करीब 60 किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें राष्‍ट्रीय किसान मजदूर संगठन के सरदार वीएम सिंह के अलावा पकंज भूषण, पंकज जैन, धीरेंद्र सिंह धीरा आदि शामिल थे।  

बैठक में शामिल किसान नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, अरुण जेटली ने किसानों की चिंताओं पर पूरा ध्यान देने का भरोसा दिलाया है। जेटली ने उनसे कहा है कि सरकार किसानों की जमीन छीनना नहीं चाहती और इस मुद्दे का ऐसा हल निकाला जाएगा, जिससे किसान संतुष्‍ट हों। भूमि अधिग्रहण से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर किसान प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन भी सौंपा है। लोकसभा सांसद और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने वित्‍त मंत्री से मुलाकात के बाद कहा, जेटली ने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों की जमीन हड़पना नहीं चाहती। 

 

किसानों की सहमति से आगे बढ़ेगी सरकार- सिरोही 

भाजपा किसान मोर्चा के नेता और डीडी किसान चैनल के सलाहकार नरेश सिरोही का कहना है कि सरकार किसानों से सलाह-मशविरा करने के बाद ही भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर आगे बढ़ेगी। विधेयकों से जुड़ी किसानों की अधिकतर मांगों पर सरकार विचार करने के लिए तैयार है। संसद के मानसून सत्र से पहले देशभर के करीब 100 किसान संगठनों के साथ बातचीत की जाएगी। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर एनडीए के भीतर उठते सुरों पर सिरोही ने कहा, हम पहले किसान हैं। किसानों के हित पहले आते हैं। 

 

(एजेंसी इनपुट )

 

 

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