Advertisement

तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

बेंगलूरु में एक तंजानियाई युवती के साथ मारपीट और उसके कपड़े फाड़े जाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन कर्नाटक सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि उसे निर्वस्त्र कर चलवाया गया था। रविवार रात की इस घटना के गंभीर राजनयिक मोड़ लेने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेंगलूरु में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, मामला दर्ज किया जा चुका है और आरोपियों में से पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुषमा स्वराज ने भी मुझसे बात की। मैं अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से उन्हें रिपोर्ट भी भिजवा रहा हूं।
तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

 

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के अलग-अलग बयानों ने इस मामले में पार्टी को अजीब स्थिति में फंसा दिया। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि राहुल गांधी हर बात की रिपोर्ट क्यों मांगेंगे।

इस बीच राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने इन खबरों से इंकार किया कि तंजानियाई युवती को निर्वस्त्र अवस्था में सबके सामने चलवाया गया था। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी कहा, निश्चित तौर पर यह नस्ली हमला नहीं था। इस घटना पर चिंता जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार से तंजानियाई महिला पर हमले से संबंधित परिस्थितियों, घटना में कथित तौर पर शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़िता की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा।

बेंगलूरु में एक कार से एक महिला के कुचले जाने के बाद भीड़ ने गलत पहचान के चलते तंजानिया की छात्रा को कथित तौर पर पीटा और उसके कपड़े फाड़ दिए थे। पुलिस ने कहा कि तंजानियाई छात्रा जब अपने तीन मित्रों के साथ कार में सवार होकर दुर्घटनास्थल पहुंची तो लोगों ने गलती से यह समझ लिया कि दुर्घटना को उन्होंने ही अंजाम दिया है, जबकि दुर्घटना में एक सूडानी शामिल था। भीड़ ने गलत पहचान के चलते तंजानियाई छात्रा को कार से कथित तौर पर बाहर खींच लिया। इस घटना को लेकर हो रही आलोचना के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस से यह जांच करने के लिए कहा है कि आखिर शिकायत तत्काल क्यों दर्ज नहीं की गई?

दिल्ली में तंजानिया के उच्चायुक्त जान डब्ल्यू एच किजाजी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सरकार से शिकायत की है और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन इलाकों में सुरक्षा बढ़ायी जाए जहां अफ्रीकी छात्रा रहते हैं। उन्होंने कहा, हम भारत सरकार से बेंगलूरु और देश में अन्य स्थानों पर हमारे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।

कांग्रेस के महासचिव और राज्य प्रभारी दिग्विजय सिंह के अनुसार पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी ने कर्नाटक सरकार से जवाब देने और तत्काल रिपोर्ट भेजने को कहा है। लेकिन यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस आलाकमान ने रिपोर्ट मांगी है, सिद्धरमैया ने कहा,  आलाकमान हर चीज पर रिपोर्ट क्यों मांगेगा? ये आप लोग कह रहे हैं...।

दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि तंजानियाई उच्चायुक्त सहित एक टीम कल बेंगलूरू रवाना हो रही है। तंजानियाई उच्चायुक्त अफ्रीकन डिप्लोमेटिक कोर के डीन भी हैं। उन्होंने कहा कि इस टीम में संयुक्त सचिव (राज्य), विदेश मंत्रालय में निदेशक पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका और आईसीसीआर के क्षेत्रीय निदेशक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र अैर राज्य सरकारें इस मामले की जांच में पूरा सहयोग देंगी। उन्होंने कहा कि देश में अफ्रीकी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।

ऑल अफ्रीकन स्टूडेंट्स यूनियन के विधि सलाहकार बोस्को कावीसी के अनुसार भीड़ के एक वर्ग ने महिला के कपड़े फाड़ दिए और महिला ने बचने के लिए पास से गुजर रही धीमी रफ्तार से चलती बस में सवार होने की कोशिश की लेकिन उसे बस से बाहर खींच लिया गया।

जी परमेश्वर ने कहा, बेंगलूरु में 12 हजार विदेशी छात्र अध्ययन कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, अगर दुर्घटना नहीं होती तो यह घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि तंजानियाई महिला से जुड़ी घटना के संबंध में दो दिन तक किसी छात्र ने कोई शिकायत नहीं दर्ज करायी न ही उस बारे में बात की। बाद में महिला ने पुलिस को एक बयान दिया जिसे दर्ज कर लिया गया।

परमेश्वर ने कहा कि सूडानी छात्र की पहचान मोहम्मद अहमद इस्माइल के रूप में हुई है और वह नशे की हालत में कार चला रहा था। उसकी कार ने दो लोगों को टक्कर मार दी जिसमें महिला की वहीं मौत हो गयी और उसका पति घायल हो गया। इस्माइल को भी चोटें आयीं और उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना से नाराज लोगों ने वाहन को निशाना बनाया। बाद में तंजानियाई छात्रा और तीन अन्य दुर्घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर पहुंचे थे, जहां भीड़ ने उन्हें घेर लिया।

भाजपा ने इस घटना को लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं शुरू होने पर कांग्रेस के दोहरे चरित्र के लिए उस पर निशाना साधा और इस मामले में राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ऐसी बड़ी घटना घट गई और इसके बाद इतना समय गुजर गया लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस चुप हैं और वह भी ऐसी घटना पर जो उनकी सरकार की नाक के नीचे घटी है। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है और यह भी बताता है कि वे किस प्रकार से दिखावे की राजनीति करते हैं।

इस घटना को लेकर पैदा हुए रोष के बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि यह घटना शर्मनाक है और देश में कोई नस्ली भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से दिल्ली में कहा, 200 वर्षों से, भारत विदेशियों का गुलाम रहा, हम नस्ली भेदभाव से मुकाबला करते रहे हैं। लेकिन भारत में ही, अगर नस्ली भेदभाव है तो सरकार इसे गंभीरता से लेगी। उन्होंने कहा, हम देश में नस्ली भेदभाव की अनुमति नहीं देंगे। यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है।

माकपा की वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने रांची में कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसा उत्पीड़न अब भी समाज में हो रहा है। उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, यह काफी स्तब्ध करने वाला है। देखिए, निर्भया मामले के बाद भी, हमारा तंत्र ऐसा है कि इस प्रकार के उत्पीड़न हो रहे हैं।

भाकपा नेता डी. राजा ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस को राजनीतिक तू तू मैं मैं में नहीं उलझना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक सार्वजनिक संवाद का सवाल है, भाजपा और कांग्रेस को इस प्रकार नीचे नहीं गिरना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दे को क्यों विवाद का विषय बनाया जा रहा है। राजा ने कहा, उन्हें (भाजपा और कांग्रेस) देश के बारे में सोचना चाहिए। ऐसी घटना गुजरात में भी हो सकती थी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad