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उत्तराखंड के पांच पर्वतीय जिले सूखा ग्रस्त घोषित होंगे

कम बारिश के चलते उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भी पैदा हुए सूखे के हालात को देखते हुए प्रदेश के 13 में से पांच जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी कर ली गई है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने इस संबंध में यहां बताया कि कम वर्षा के कारण सूखे के हालात से जूझ रहे प्रदेश के पांच जिलों के 74,000 हेक्टेअर क्षेत्रफल को जल्द ही सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा।
उत्तराखंड के पांच पर्वतीय जिले सूखा ग्रस्त घोषित होंगे

 

उन्होंने हालांकि, कहा कि प्रदेश के मैदानी इलाकों की स्थिति चिंताजनक नहीं है और उधमसिंह नगर और हरिद्वार जैसे मैदानी जिलों में कम बारिश के बावजूद सिंचाई की बेहतर सुविधा होने से वहां कृषि संबंधी कार्यों में कोई खास व्यवधान नहीं हुआ है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रा में सूखे से सबसे ज्यादा कुमाउं का अल्मोडा जिला प्रभावित हुआ है जहां 1343 हेक्टेअर सिंचित और 24000 हेक्टेअर असिंचित भूमि पर इसका असर हुआ है। अल्मोडा के अलावा सूखे के कहर से प्रभावित होने वाले अन्य चार जिलों में पिथौरागढ़, नैनीताल, रूद्रप्रयाग और पौड़ी शामिल हैं।

 

प्रदेश में पड़ रहे सूखे से संबंधित तथ्यों से केंद्र को अवगत कराने के लिए जल्द ही उसे यहां से एक ग्यापन भी भेजा जायेगा। उसके बाद एक केंद्रीय टीम यहां आकर सूखे का स्थलीय जायजा लेगी। प्रदेश द्वारा पांच जिलों को सूखा-ग्रस्त घोषित कर दिए जाने के बाद सूखे से प्रभावित किसानों को कई प्रकार की रियायतें मिल पाएंगी जिनमें हालात सुधरने तक विभिन्न सहकारी बैंकों द्वारा वितरित किए गए कर्जों और किसानों से लिए जाने वाले राजस्व और अन्य प्रकार की वसूली को फिलहाल स्थगित करना शामिल है।

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