नारे लगाने वाली घटना प्रायोजित
जेएनयू में लगे राष्ट्रविरोधी नारों की ये निंदा करते हैं लेकिन सरकार उनकी पहचान करके उन्हें गिरफ्तार करे। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के राष्ट्रीय सचिव विश्वजीत ने कहा कि जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों वाली घटना पूरी तरह से प्रायोजित है। जिन्होंने भी यह नारे लगाए वह उनकी निंदा करते हैं। विश्वजीत का कहना है कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि सरकार नारे लगाने वालों की पहचान करके आखिर उन्हें सजा क्यों नहीं दे रही है।
कन्हैया के खिलाफ सुबूत दे सरकार
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सचिव विक्रम सिंह ने कहा कि अगर कन्हैया दोषी हैं तो सरकार उनके खिलाफ सुबूत दे। जहां तक उमन खालिद का सवाल है तो सरकार सुबूत के साथ साबित करे कि उमर खालिद जेएनयू घटना की जड़ हैं। उन्होंने इस सारे मामले की न्यायायिक जांच की मांग की। इसके अलावा उन्होंने पटियाला अदालत में 15 फरवरी को कन्हैया की जमानत की सुनवाई के दौरान वाम कार्यकर्ताओं, जेएनयू शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं मीडिया पर हुए कथित हमले की भी निंदा की। उन्होंने दावा किया कि ये विपरीत आवाज के खिलाफ आतंक का राज फैलाने की आरएसएस और भाजपा की कोशिशें हैं।
जेएनयू की विरासत को न भूलेंः एनएसयूआई
एनएसयूआई के नेता कुमार राजा ने कहा कि जेएनयू पर देशद्रोह का आरोप लगाने वालों को यहां की विरासत नहीं भूलनी चाहिए। यहां से नामी नेता, बुद्धिजीवी और दुनिया के दूसरे हिस्सों में ऊंचे ओहदों पर काम कर रहे लोग पढ़कर निकले हैं। राजा का कहना है कि उनका संगठन पूरी तरह से जेएनयू के साथ है।