कोयला घोटाले मामले में ट्रायल का सामना कर रहे चार्टर्ड एकाउंटेंट अमित गोयल को अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है। पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, केएसएसपीएल कंपनी के एमडी पवन अहलूवालिया और संयुक्त सचिव क्रोफा, रुद्रपुर कोयला घोटाले मामले में भी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं।
क्या था कोयला घोटाला
कोयला घोटाला मामला उस वक्त सामने आया जब नियंत्रक एवं महालेखा (कैग) ने मार्च 2012 में सरकार पर आरोप लगाया था कि 2004 से 2009 तक की अवधि में 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला ब्लॉक आवंटन गलत तरीके से हुआ। सीएजी के मुताबिक, इस घोटाले से सरकारी खजाने को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था। इससे कंपनियों ने बेहिसाब मुनाफा कमाया था।
घोटाले में इनके नाम शामिल हैं
कोल ब्लॉक आवंटन की गड़बड़ी में जिन लोगों के नाम सामने आए थे, उनमें केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, भाजपा राज्य सभा सांसद अजय संचेती, कांग्रेस नेता विजय दर्डा और राजेंद्र दर्डा, आरजेडी नेता और पूर्व कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और कांग्रेस सांसद और जिंदल स्टील एंड पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल शामिल थे।
मामले की जांच का जिम्मा मिला था सीबीआई को और एजेंसी ने अपनी एफआईआर में कम से कम 1 दर्जन कंपनियों का नाम लिया था, जिन पर अपनी नेटवर्थ बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, पिछले कोयला ब्लॉक आवंटन को छिपाने और कोयला ब्लॉक की होर्डिंग करने जैसे आरोप लगाए गए।