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'टैक्स टेररिज्म' की वजह से भारतीय व्यापार में निवेश को लेकर विश्वास कम हुआ है: मनमोहन सिंह

8 नवंबर को नोटबंदी को एक साल पूरा हो रहा है। इसे लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सरकार को निशाना बनाना जारी...
'टैक्स टेररिज्म' की वजह से भारतीय व्यापार में निवेश को लेकर विश्वास कम हुआ है: मनमोहन सिंह

8 नवंबर को नोटबंदी को एक साल पूरा हो रहा है। इसे लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सरकार को निशाना बनाना जारी है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर कड़ा हमला बोला है।

गुजरात के अहमदाबाद में बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने 14 करोड़ लोगों को गरीबी से उबारा।'

 उन्होंने 'टैक्स टेररिज्म' शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इससे भारत के व्यापार में निवेश को लेकर विश्वास कम हुआ है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि हर किसी को देशद्रोही करार देना लोकतांत्रिक विमर्श को नुकसान पहुंचा रहा है।


बुलेट ट्रेन की ज्यादा लागत पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री ने ब्रॉड गेज की लाइन को अपग्रेड करके हाई स्पीड ट्रेन के विकल्प के बारे में सोचा? उन्होंने कहा कि क्या बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाने वाला विकास विरोधी हो जाता है? क्या नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाने वाला टैक्स चुराने वाला बन जाता है?


8 नवंबर को काला दिन बताते हुए उन्होंने नोटबंदी पर कहा, 'मैं संसद में कही गई अपनी बात को दोहराता हूं कि यह एक संगठित लूट थी।'

इससे पहले भी सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने नोटबंदी को कैटस्ट्रॉफिक इकोनॉमी पॉलिसी करार देते हुए कहा था कि इससे देश में असमानता बढ़ सकती है और भारत जैसे देश में यह सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति साबित होगी।

एक वेबसाइट के साथ बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा था कि जीडीपी का गिरना महज एक संकेत है, यह एक विनाशकारी नीति साबित होने जा रही है। इसके चलते कई तरह की क्षतियां हुई हैं। इसका असर नौकरियों पर पड़ा है और छोटे-मझोले उद्योंगो को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा, “मैं नोटबंदी के दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर चिंतित हूं। भले ही जीडीपी में गिरावट के बाद सुधार दिख रहा हो लेकिन आर्थिक विकास के लिए यह बढ़ती असामनता एक खतरा है।”

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