करगिल में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में भारत की वीरता की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक सेमिनार में थलसेना प्रमुख विपिन रावत ने कहा, “भविष्य में, यहां तक कि पारंपरिक संघर्षों में एक बड़े युद्ध का घटक होने की संभावना है, जिसे अब ‘हाइब्रीड युद्ध’ कहा जा रहा है।
भारतीय आर्मी के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि भविष्य के युद्ध अधिक “हिंसक और अप्रत्याशित” होंगे और युद्ध का मैदान “गंभीर रूप से लड़ा जाएगा और निर्बाध रूप से जुड़ा होगा” पाकिस्तान के खिलाफ करगिल में भारत की वीरगाथा की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक सेमिनार में रावत ने कहा, “भविष्य में, यहां तक कि पारंपरिक संघर्षों में एक बड़े युद्ध का घटक होने की संभावना है, जिसे अब 'हाइब्रिड युद्ध' कहा जा रहा है। तकनीक भविष्य के युद्धों का एक प्रमुख हथियार बन गया है।”
जनरल रावत ने जोर देकर कहा, “हमारे सैनिक हमारी प्राथमिक संपत्ति हैं और भविष्य में भी रहेंगे।”
रावत ने करगिल संघर्ष के बारे में कहा कि कई बाधाओं के बावजूद कठिन इलाकों और कूटनीतिक आवश्यकताओं पर किए गए कई ऑपरेशन सहित बहादुर सेना और राष्ट्र एक शानदार जीत हासिल करने में गर्व महसूस कर रहा था। पाकिस्तान पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उसकी सेना समय-समय पर गलत, छद्म युद्ध और राज्य प्रायोजित आतंक या घुसपैठ के जरिए दुस्साहस करती है। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना हमारे क्षेत्र की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब दिया जाएगा।”
रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन की तरफ से कोई घुसपैठ नहीं की गई थी। बता दें कि चीनी सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की रिपोर्ट सामने आई थी। इस पर रावत ने कहा, “कोई घुसपैठ नहीं हुई है।”
तिब्बतियों ने 6 जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर तिब्बती झंडे फहराए, जिसने कथित तौर पर चीनियों का गुस्सा भड़का दिया।
उन्होंने कहा, “चीनी आते हैं और अपने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करते हैं... हम कोशिश करते हैं और उन्हें रोकते हैं। लेकिन कई बार ऐसे उत्सव होते हैं, जो स्थानीय स्तर पर आयोजित होते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सेना प्रमुख के हवाले से कहा, “डेमचोक सेक्टर में हमारे तिब्बतियों द्वारा जश्न मनाया जा रहा था। उसे देखकर कुछ चीनी लोग भी आए कि आखिर क्या हो रहा है। लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई है। सब कुछ सामान्य है।”
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर काफी अरसे से विवाद चन रहा है और दोनों तरफ की सेनाओं के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिनों तक गतिरोध जारी रहा था।