इससे पहले पुणे की सत्र अदालत ने बेग को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद बेग के वकील ने निचली कोर्ट के मुकदमे की प्रक्रिया को ही चुनौती देते हुए फिर से मुकदमा चलाने की मांग की थी।
पुणे के जर्मन बेकरी में 13 फ़रवरी 2010 को हुए ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हुई थी। इस ब्लास्ट में 58 लोग घायल भी हुए थे। हिमायत बेग को सितंबर 2010 में गिरफ्तार किया गया था। मामले में सिर्फ एक आरोपी हिमायत बेग ही गिरफ्तार हुआ था। बेग को इंडियन मुजाहिद्दीन का सदस्य बताया गया था।