Advertisement

एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को अमली जामा पहनाएंगे अरविंद कथपलिया

केंद्र सरकार ने अरविंद कथपलिया को एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए निदेशक नियुक्त किया है। हालाकि मार्च में नियुक्ति समिति द्वारा उनके नाम को हरी झंडी देते समय पायलेट्स ने विरोध किया था।
एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को अमली जामा पहनाएंगे अरविंद कथपलिया

कई मौकों पर फ्लाईट से पहले मेडीकल जैसी जरूरी चीजों की अनदेखी के चलते कथपलिया को फरवरी में नागरिक उड्डनन प्राधिकरण ने तीन महीने के लिए निलंबित किया था। कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम कर रहे कथपलिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय एयर इंडिया का निदेशक आपरेशंस नियुक्त किया है। इस बाबत दो दिन पहले जारी किए आदेश में कहा गया है कि इस पर तैनाती के बाद से उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए होगी।

मालूम हो कि बुधवार को कैबिनेट ने कर्ज के बोझ तले एयर इंडिया को उबारने के लिए सैद्धांतिक तौर पर निजी हिस्सेदारी में बेचने की मंजूरी दी थी।  हालाकि अभी यह तय नहीं है कि विनिवेश के तहत कितनी  हिस्सेदारी बेची जाएगी। एयर इंडिया पर करीब 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। विनिवेश के लिए मंत्रियों का एक पैनल बनाया जाएगा जो यह तय करेगा कि कंपनी की कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी। 2012 में यूपीए सरकार ने एयर इंडिया को बेलआउट पैकेज दिया था। बावजूद इसके इसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।

2016 में कैग रिपोर्ट में कहा गया था कि योजना पर बेहद खराब तरीके से अमल हुआ जिससे एयर इंडिया की आर्थिक हालत में सुधार नहीं हो पाया। सीबीआई केस के मुताबिक, एयर इंडिया गलत तरीके से प्लेन लीज पर लेती रही और उस दौरान लाभ की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। जिसका फायदा निजी एयरलाइंस को मिला। साथ ही कैग रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि गलत तरह से लीज पर प्लेन लेने से एयर इंडिया को 2011 से 2014 के बीच 405 करोड़ रुपये का घाटा  हुआ। एयर इंडिया ने यूएस समेत बाकी रूट्स पर लंबी दूरी की नॉन स्टापस फ्लाइट्स चलाने के लिए एतिहाद को अपने पांच बोइंग प्लेन बेच दिए। इन्हें जिस कीमत पर बेचा गया उससे एयर इंडिया को 671 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad