Advertisement

ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवारों को यह अधिकार नहीं है कि वे यह तय कर सकें कि उन्हें कितने बच्चे पैदा करने हैं। यह तय करेंगे ह‌िंदू संगठन क्योंकि उन्हें चिंता है क‌ि ह‌िंदू कहीं भारत में ही अल्पसंख्यक न हो जाएं। यह तर्क लंबे समय से हिंदुत्वादी संगठन देते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उन्होंने ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ रखा है।
ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

विश्व ह‌िंदू संगठन के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट संकेत दिया कि हिंदू माता-पिता को यह नहीं करना चाहिए कि वे कितने बच्चे चाहिए, यह कोई निजी मामला नहीं है। इस बयान का ह‌िंदू युगल खासे नाराज हैं।

चंपत राय का कहना है कि हिंदुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू परिवारों ने एक बच्चा पैदा करना नहीं बंद किया तो आने वाले दिनों में बहुत संकट हो जाएगा। इस बयान पर नौजवान युगलों की तीखी प्रतिक्रिया मिली है। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत स्वाति निगम ने कहा कि इस तरह से वीएचपी हम लोगों के निजी जिंदगी में दखल देने की कोशिश कर रही है। हमने उन्हें अधिकार नहीं दिया कि वे हमें बताए कि हम क्या करें और क्या न करें। ये लोग खुद तो शादी करते नहीं हैं और हमारे ‌जीवन को बर्बाद करना चा‌हते हैं। घरों में कम करने वाली बिट्टो ने पूछा कि ज्यादा बच्चा पैदा करेंगे तो ये लोग खिलाएंगे क्या। आजतक तो पढ़े-लिखे लोग समझाते थे कि कम बच्चे पैदा करने चाहिए, छोटा परिवार सुखी परिवार, और अब ये लोग आ गए हैं, जो उलट पाठ पढ़ा रहे। चंढ़ीगढ़ में पढ़ाई कर रहे आशुतोष वर्मा ने गुस्से में कहा कि इन तमाम लोगों को बेनकाब करना चाह‌िए जो खुद तो परिवार की जिम्मेदारियों से भागे रहते हैं और दूसरों को बड़े परिवारों के झंझट में फंसाना चा‌हते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad