यह शांति समझौता भी दशकों से अंजाम पर पहुंचने की बाट जोह रहा था मगर इसमें कामयाबनी नहीं मिल पा रही थी। इस समझौते के साथ अब नगालैंड में अलग देश की मांग के ठंडा पड़ने की उम्मीद है क्योंकि एनएससीएन (आईएम) गुट राज्य में बेहद प्रभावशाली है। इस समझौते की शर्तें अभी सामने नहीं आई हैं। वैसे सरकार और एनएससीएन (खापलांग) गुट के बीच अभी संघर्ष जारी है और हाल ही में भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में मौजूद इस गुट के उग्रवादियों पर कार्रवाई की की। यह गुट अब भी पूरे नगालैंड और म्यांमार के कुछ हिस्सों को मिलाकर वृहत नगालैंड देश बनाने की अपनी मांग पर अड़ा है।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एनएससीएन (आईएम) के साथ केंद्र सरकार की शांति संधि पर हस्ताक्षर किए गए। एनएससीएन (आईएम) नेता टी. मुइवा ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हम एक दूसरे को समझने, नए संबंध बनाने के लिए नजदीक आए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि नगा भरोसेमंद हो सकते हैं।’ इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौते को ऐतिहासिक बताया और बुद्धिमत्ता दिखाने के लिए नगा नेताओं की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महान नगा लोगों ने शांति प्रयासों का जो असाधारण समर्थन किया है उसके लिए मैं उनकी प्रशंसा करता हूं।’ मोदी ने इस तथ्य को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि नगा समस्या के समाधान में इतना लंबा समय लगा, उन्होंने इसे औपनिवेशिक समस्या बताया। मोदी ने कहा, ‘मैं देश के साथ आपको सलाम करने के साथ ही नगा लोगों को हमारी शुभकामना देता हूं।’