कोरोना महामारी के संकट में आउटलुक का विशेष डिजिटल संस्करण "बेगानेपन की लाचारी और दर्द" ऑनलाइन उपलब्ध है। इस बार के अंक में हमने उन लोगों की बात की है, जिन पर कोरोना से ज्यादा लॉकडाउन की मार पर पड़ रही है। हम बात प्रवासी मजदूरों की कर रहे हैं। जो पिछले दो महीने से भूख, भय और लाचारी का जीवन जीने को मजबूर है। इस लॉकडाउन ने 400 से ज्यादा मजदूरों की जान ले ली है।
1 जून 2020 के इस अंक में हमने प्रवासी मजदूरों के न केवल मुद्दों को उठाया है, बल्कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों द्वारा श्रम कानूनों को कमजोर करने की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। आप आउटलुक के नए अंक को इस लिंक पर https://www.outlookhindi.com/issue/olh_1_june_2020.pdf क्लिक कर सीधे डाउनलोड कर सकते हैं डाउनलोड
eकवर स्टोरी
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इस अंक में हमने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को उठाया है। इसी के मद्देनजर कवर स्टोरी बेमौत मरने की त्रासदी जमीनी हकीकत को बयां करती है। मजदूरों की स्थिति समझने में केंद्र और राज्य सरकारों से कहां चूक हुई और उनके दावों में कितनी हकीकत है, इस पर हमारे विशेषज्ञों ने अनदेखे पहलुओं को उठाया है। हमारे पैनल में अमेरिकी शोधकर्ता कनिका शर्मा, रमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता अरुणा रॉय, स्वान की स्नेहल और कांग्रेस नेता अरबिंद सिंह शामिल हैं।
शिक्षा पर असर
कोरोना संकट की वजह से देश के लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य कैसे संकट में फंस गया है। इस पर भी हमने स्पेशल स्टोरी की है। जिसमें बजट स्कूल की स्थिति से लेकर शिक्षाविदों के कॉलम भी है। साथ में मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का इंटरव्यू भी शामिल है।
स्पेशल इंटरव्यू
इस अंक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी राज्य के हालातों पर इंटरव्यू शामिल है। साथ ही कोरोना के मामले क्यों नहीं रुक रहे हैं और इसको लेकर सरकार कितनी तैयार है, इस पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का भी इंटरव्यू भी शामिल है।
ऐसे डाउनलोड करें ई-मैगजीन
नए अंक का लिंक outlookhindi.com वेबसाइट के मैगजीन सेक्शन में कवर पेज के नीचे दिया गया है। 'ई मैगजीन पढ़ें' पर क्लिक करके आप पूरी पत्रिका डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही सीधे भी आप इस लिंक पर क्लिक करकें पत्रिका डाउनलोड कर सकते हैं.. https://www.outlookhindi.com/issue/olh_1_june_2020.pdf
एक वादा भी
जैसा हम सभी जानते हैं कि यह अभूतपूर्व संकट का दौर है, इस वजह से हम आपके हाथों पर मैगजीन नहीं पहुंचा पा रहे हैं। लेकिन हमारा वादा है कि जैसे ही यह संकट दूर होगा आपकी प्रिय पत्रिका एक बार फिर आपके हाथों में होगी।