कश्मीर मे हुर्रियत नेताओं के इस अड़ियल रवैये पर दो टूक टिप्पणी करते हुए राजनाथ ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह हुर्रियत नेताओं ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत से इनकार किया है उससे उनकी मंशा साफ जाहिर होती है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार घाटी में शांति का माहौल स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहेे हैंं। उन्होंने कहा, 'मैं हुर्रियत नेताओं से कहना चाहता हूं कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं, हमारे रोशनदान भी खुले हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हर कोई कश्मीर में हालात सुधारने के लिए चिंतित है। एक बात मैं तथ्यात्मक रूप से स्पष्ट कर दूं कि जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था, भारत का अंग है और हमेशा रहेगा। इसमें कोई दोमत नहीं है। अगर कोई बातचीत के लिए जाता है और हुर्रियत के नेता बात नहीं करते हैं तो साफ जाहिर है कि उनका इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत पर कोई भरोसा नहीं है'।
गृह मंत्री ने कहा, 'हम घाटी में शांति बहाली के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार हैं। हम राज्य सरकार के साथ हर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। हम शांति चाहने वालों से बात करने के लिए तैयार हैं'।
हुर्रियत नेताओं की ओर से कश्मीर मसले पर पहले पाकिस्तान से बातचीत की शर्त पर गृह मंत्री ने कहा, 'हम पहले देश में रहने वाले अपने लोगों से बात करेंगे'। गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीरी छात्रों की समस्याओं के लिए एक समिति बनाई गई है।