माना जा रहा है कि इस बातचीत में दोनों देश वास्तविक नियंत्राण रेखा के स्पष्टीकरण पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे। दोनों देशों में मजबूत नेतृत्व के तहत समाधान की उम्मीद के बीच विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसिलर यांग जिएची के साथ बातचीत करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल सितंबर में दिल्ली में हुई विस्तृत चर्चा की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच यह दो दिवसीय बातचीत होने जा रही है। शी का भारत दौरा लद्दाख के चुमार में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की घटना के साए में हुआ था। शी के दौरे के बाद दोनों देशों के सैनिकों के एक साथ पीछे हटने के साथ यह विवाद हल हुआ था। शी ने कहा कि चुमार जैसी घटना हो सकती है क्योंकि सीमा का अभी रेखांकन नहीं हुआ है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में कहा था कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कुछ अधिक करना चाहिए।