रक्षा सूत्रों ने कहा कि 2 . 5 अरब एवरो स्थानापन्न कार्यक्रम के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है। एवरो के अलावा कल के लिए बडे़ प्रस्तावों में 89 सुपरसोनिक मिसाइल के साथ छह नई ब्रमोस प्रणालियां देने का प्रस्ताव भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि परियोजना की कीमत करीब 2700 करोड़ रूपये है। एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव है, बीएई सिस्टम्स की तरफ से भारत में होवित्जर फैक्टरी लगाना, जिस सौदे की कीमत करीब 80 करोड़ डाॅलर है। इस पर पहले संयुक्त प्रगतिशील शासन ने विचार किया था लेकिन कीमत एवं अन्य प्रतिबद्धताओं को लेकर यह मामला लगभग दब सा गया था।
सूत्रों ने बताया कि बहरहाल भारत को अपनी तोपें बेचने को इच्छुक अमेरिका की कंपनी ने मेक इन इंडिया पहल के तहत यह पेशकश की है। उन्होंने कहा कि कंपनी तोप को स्वदेश में बनाए जाने के लिए स्थानीय भागीदार के साथ फैक्टरी लगाने को तैयार है। सूत्रों ने कहा कि यह अमेरिका और भारत के बीच सरकार के स्तर पर समझौता होगा।
नई तोपों को लेकर इच्छुक सेना बीएई तोपों के लिए फाॅरेन मिलिट्री सेल्स (एफएमएस) विकल्प बहाल करने को इच्छुक है और अमेरिका के लिए फिर से लेटर आॅफ आॅफर एवं एक्सेप्टेंस जारी किया जाएगा। एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव जिस पर चर्चा की जा सकती है वह है भारतीय वायुसेना के पुराने हो रहे 56 एवरो विमानों के स्थान पर एयरबस- टाटा कंसोर्टियम का प्रस्ताव स्वीकार करना। इन एवरो विमानों में सी-295 परिवहन विमान भी शामिल हैं।
इस पर अंतिम निर्णय पिछले वर्ष नवंबर में किया जाना था लेकिन पर्रिकर ने तब विमान की आवश्यकता और निविदा प्रणाली के बारे में और जानकारी मांगी थी। वर्तमान रक्षा खरीद नीति के तहत जब तक डीएसी से मंजूरी नहीं मिलती तब तक एक कंपनी की स्थिति पर गौर नहीं किया जाएगा।