एएनआई के मुताबिक, कुलपति एम. जगदीश कुमार ने रविवार को 18वें करगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अनुरोध किया कि अगर टैंक विश्वविद्यालय परिसर में रखा जाता है तो छात्रों को लगातार सैनिकों के बलिदान और साहस का स्मरण होता रहेगा। जगदीश कुमार ने कार्यक्रम को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए कहा कि यह थलसेना और देश के अन्य सुरक्षा बलों के बलिदान को याद करने के लिए एक अहम दिन है।
गौरतलब है कि जेएनयू में पहली बार करगिल विजय दिवस का आयोजन किया गया था। जेएनयू कैंपस में एक सैन्य टैंक को रखने का विचार 9 फरवरी, 2016 को आयोजित उस कार्यक्रम के बाद ही आया है, जिसमें कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगने के कारण छात्रों को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जेएनयू में रविवार को ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया गया था। साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है। बता दें कि पिछले साल कथित भारत-विरोधी नारेबाजी के कारण जेएनयू विवादों में घिरा रहा था।
इस दौरान जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर करगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन ‘वेटरंस इंडिया’ के सदस्यों के साथ 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला और परिसर में स्थित ‘वॉल ऑफ हीरोज’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में दो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वी.के सिंह, ‘वेट्रंस इंडिया’ के मेंटर मेजर जनरल जी.डी बख्शी और क्रिकेटर गौतम गंभीर भी शामिल हुए थे।
Would like to request VK Singh ji to help us procure an Army tank so that we can put it on display in the university: Jagdish Kumar, VC, JNU pic.twitter.com/UkxZjSytqG
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
Presence of a Army tank will constantly remind students of great sacrifice & valour of Indian Army & defence forces: Jagdish Kumar, VC JNU pic.twitter.com/AZVY1XwTHc
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017