जामिया मिलिया इस्लामिया के दूरस्थ व मुक्त अध्ययन केंद्र में तीसरे लिंग वर्ग ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को न ही प्रवेश शुल्क देना होगा और न ही कोर्स की फीस देनी होगी। यहां प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो चुकी है और इसकी अंतिम तारीख 16 अक्तूबर है। इसे देखकर लगता है थर्ड जेंडर को लेकर हमारे समाज में चीजें बदल रही हैं।
जामिया के दूरस्थ (डिस्टेंस लर्निंग) और मुक्त अध्ययन केंद्र के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रोफेसर एम मुज्तबा खान ने बताया कि इस साल से ट्रांजेंडर विद्यार्थियों को मुफ्त पढ़ाया जाएगा। इस दौरान ट्रांसजेंडरों के लिए 19 पाठ्क्रम को आयोजन किया गया है। इसमें से वो किसी विषय में मुफ्त पढ़ाई कर सकते है। इसके लिए विद्यार्थियों को जामिया स्थित केंद्र पर आकर संपर्क करना होगा।
यूनिवर्सिटी में मनपसंद विषय में दाखिला लेने के लिए ट्रांसजेंडर को अपनी योग्यता और लिंग को साबित करने वाला प्रमाणपत्र दिखाना होगा। इसके बाद केंद्र से उन्हें मुफ्त दाखिले के लिए आवेदन पत्र उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इसके बाद विद्यार्थी का दाखिला हो जाएगा।
जामिया ने ट्रांसजेंडर के लिए आवेदन शुल्क से लेकर पाठ्यक्रमों का शुल्क भी मुफ्त किया है। केंद्रों में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपए वहीं प्रोग्राम फीस 5600 रुपए लेकर 36 हजार 200 रुपए है।
प्रोफेसर खान ने बताया कि यहां बीएड और बीबीए पहले से ही था। अगर अनुमति मिली तो अगले सत्र से इन्हीं विषयों के पीजी पाठ्क्रम शुरू किए जाएंगे। इससे पहले इग्नू ने जून में ट्रांसजेंडर के लिए सभी पाठ्यक्रमों में फीस की पूरी छूट की घोषणा की थी।
फॉर्म में दिया गया था थर्ड जेंडर का ऑप्शन
इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया में वर्ष 2015 से आवेदन पत्रों में ट्रांसजेंडर की कैटेगरी को जगह मिली थी। इस साल डीयू में कुल 83 ट्रांसजेंडर छात्रों ने आवेदन किया है।
जामिया ने यह नई शुरुआत करके और भी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के लिए नया रास्ता खोला है। सितंबर 2002 में जामिया में दूरस्थ शिक्षा केंद्र खोला गया था। यह दूरस्थ शिक्षा काउंसिल के सहयोग से शुरू किया गया।