जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं तीन तलाक को सही साबित करने के लिए ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वे अपने ही समुदाय के सबसे बड़े दुश्मन हैं।' लॉ बोर्ड हमेशा से तीन तलाक और बहुविवाह को जायज ठहराता रहा है। कोर्ट में दाखिल किये गए हलफनामे में बोर्ड ने कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर पर्सनल लॉ को नहीं बदला जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने खुद ही तीन तलाक पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायधीश से एक स्पेशल बेंच बनाकर सुनवाई करने की मांग की ताकि भेदभाव की शिकार मुस्लिम महिलाओं के मामलों को देखा जा सके। सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले भी कई और याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिका में तीन तलाक को गैर संवैधानिक और मनमाना बताया गया है।