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जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) में कथि‍त देशविरोधी नारेबाजी के मामले में एक नया मोड़ आया है। जेएनयू के खिलाफ चल रही मुहिम को लेकर आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भीतर भी विरोध के स्‍वर उठने लगे हैं। जेएनयू की एबीवीपी इकाई के तीन पदाधिकारियों ने राष्‍ट्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी, कन्‍हैया कुमार पर हमले और विश्‍वविद्यालय की छवि खराब करने का विरोध करते हुए संगठन से इस्‍तीफा दे दिया है।
जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के मुद्दे पर छात्रसंघ अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार की गिरफ्तारी में एबीवीपी ने अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन एक घटना को आधार बनाकर जिस तरह पूरे जेएनयू को देशविरोधी करार देने की कोशिश की जा रही है और लगातार दो दिन से पटियाल हाउस कोर्ट में जेएनयू के छात्रों, शिक्षकों और मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है, उसने एबीवीपी के कई पदाधिकारियों को भी असहज कर दिया है।

जेएनयू एबीवीपी के संयुक्‍त सचिव प्रदीप, स्‍कूल ऑफ सोशल साइंसेज की एबीवीपी इकाई के अध्यक्ष राहुल यादव और सचिव अंकित हंस ने एक फेसबुक पोस्‍ट के जरिए संगठन से अपने इस्‍तीफे का ऐलान किया है। इसके पीछे इन्‍होंने कई कारण बताए हैं। इन्‍होंने लिखा है कि 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में देशविरोधी नारेबाजी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना थी। इसके लिए जो भी जिम्‍मेदार हैं उन्‍हें कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए। लेकिन एनडीए सरकार इस पूरे प्रकरण से जिस तरह निपट रही है, प्रोफेसरों का उत्‍पीड़न किया जा रहा है, वकीलों द्वारा बार-बार मीडिया और कन्‍हैया कुमार पर अदालत परिसर में हमले किए जा रहे हैं, उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। पूछताछ और किसी विचारधार को कुचलने तथा समूचे वामपंथ को राष्‍ट्रविरोधी करार देने में फर्क है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दक्षिणपंथी फासीवादी ताकतों की कार्रवाई को जायज ठहरा रही है।

इस फेसबुक पोस्‍ट में आगे लिखा है कि हम छात्रों का दमन करने वाली सरकार के मुखपत्र नहीं बन सकते हैं। हम हर रोज गेट पर ऐसे लोगों को जमा होते देखते हैं जो भारतीय ध्‍वज लेकर जेएनयू के छात्रों को पीटने आते हैं। यह राष्‍ट्रवाद नहीं गुंडागर्दी है।

अपने बयान में इन छात्रों ने कहा है, हम एबीवीपी से इस्तीफा दे रहे हैं और खुद को पार्टी की हर तरह की गतिविधि से अलग कर रहे हैं क्योंकि जेएनयू की वर्तमान घटना और मनुस्मृति (स्मृति ईरानी) तथा रोहित वेमुला घटना को लेकर पहले से हमारे विचार अलग हैंं। उधर, एबीवीपी के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई से कहा कि संगठन को अभी उनका इस्तीफा नहीं मिला है। अपने फेसबुक पेज पर एबीवीपी की जेएनयू इकाई ने कुछ सदस्यों के इस्तीफे की खबर को अफवाह करार देते हुए कहा है कि स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसेज यूनिट के अध्यक्ष राहुल ने इस्तीफा नहीं दिया है। 

 

#SAVEJNU #SAVEDEMOCRACYDear friends,                         We, Pradeep, Joint Secretary, ABVP JNU UNIT, Rahul...Posted by Pradeep Narwal on Wednesday, 17 February 2016

 

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