पुलिस को इस बात का भी संदेह है कि चोरों ने प्रशस्ति पत्र किसी काम का न होने की स्थिति में कहीं फेंक दिया हो। दूसरी यह भी बात सामने आ रही है कि वे प्रशस्ति पत्र ले गए थे या नहीं? गौरतलब है कि सत्यार्थी के कालकाजी स्थित घर से नोबेल मेडल की प्रतिकृति और अन्य मूल्यवान सामान की चोरी के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। जहां मेडल की प्रतिकृति सहित अन्य सामान बरामद कर लिए गए हैं, प्रशस्ति पत्र अभी तक नहीं मिला है। लेकिन कैलाश सत्यार्थी को इस बात पर भरोसा है कि जिस तरह से पुलिस ने सक्रियता दिखाई है उससे जल्द ही प्रशस्ति पत्र के भी मिल जाने की उम्मीद है।
पुलिस ने कहा कि इन आरोपियों का दावा है कि वे अपने साथ इस प्रशस्ति पत्र को नहीं ले गए। वे दावा कर रहे हैं कि उन्होंने प्रशस्ति पत्र नहीं चुराया है। लेकिन हमें शक है कि उन्हें यह याद नहीं कि उन्होंने इसके साथ क्या किया। हमने उन्हें तस्वीरें दिखाई हैं, लेकिन वे इस प्रशस्ति पत्र के बारे में याद नहीं कर पा रहे। पुलिस को संदेह है कि सत्यार्थी के मकान सहित तीन मकानों में सेंध लगाने के बाद उन्होंने लूट का सामान अलग किया और जो उनके लिए काम के नहीं थे, उन्हें बेच दिया। यह भी संभावना है कि उन्होंने इस प्रशस्ति पत्र को कहीं रख दिया हो और उन्हें याद न आ रहा हो।