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कश्मीर: घाटी में जारी हिंसा पर उमर ने पूछा, आखिर कब जागेंगे प्रधानमंत्री

कश्मीर में शुक्रवार को हुई हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद घाटी के कई हिस्सों में आज भी कर्फ्यू जारी है। ताजा झड़पों में तीन लोगों की मौत के साथ अब तक की हिंसा में मरने वालों की संख्या 54 हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया और उसे चिंताजनक और दिल तोड़ने वाला करार दिया है।
कश्मीर: घाटी में जारी हिंसा पर उमर ने पूछा, आखिर कब जागेंगे प्रधानमंत्री

कश्मीर में शुक्रवार को हुई ताजा झड़पों के बाद कई इलाकों में जारी कर्फ्यू और प्रतिबंधों के कारण घाटी में लगातार 29 वें दिन भी जनजीवन बाधित हुआ। ताजा हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर ने शुक्रवार की देर रात ट्विटर पर लिखा, दिल तोड़ने वाली एवं चिंताजनक। केंद्र (माननीय प्रधानमंत्री पढें) यहां संकट को लेकर कब जागेगा? उमर ने लिखा, एक और दुर्भाग्यपूर्ण मौत, अनगिनत लोग घायल हुए और केंद्र माननीय उच्चतम न्यायालय को बताता है कि चीजें सुधर रही हैं, वाह। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि केवल सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदार पीडीपी एवं भाजपा इस रुख से सहमत है। उमर ने लिखा, सच में? यह किस हद की कल्पना है? मैं भाजपा-पीडीपी को छोड़कर घाटी में किसी एेसे व्यक्ति से नहीं मिला जो इस बात से सहमत हो। उमर कल हिंसक प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तीन लोगों के मारे जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। 

केंद्र ने कल उच्चतम न्यायालय को बताया था कि घाटी में आठ जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से भड़की हिंसा से पैदा हुई कानून व्यवस्था की समस्या में काफी सुधार हुआ है। घाटी में कल तीन लोगों की मौत के साथ ही हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में श्रीनगर के नौहट्टा, खानयार, रैनावारी, सफाकदल, महराजगंज और बटमालू के छह थाना क्षेत्र इलाकों में कर्फ्यू जारी है। उन्होंने बताया कि बड़गाम जिले के चार शहरों चडोरा, खानसाहिब, मगम एवं बडगाम और बारामूला जिले के अनंतनाग शहर एवं खानपोरा इलाके में भी कर्प्यू जारी है। अधिकारी ने बताया, घाटी के शेष इलाके में चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर अभी भी प्रतिबंध है। कुछ इलाकों में ताजा हिंसा को देखते हुए घाटी में लोगों की गतिविधियों पर कुछ प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है।

गौरतलब है कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में आठ जुलाई को मारे जाने के बाद से प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्षों में 54 लोगों की मौत हो गई और 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और अलगाववादियों के बंद के कारण घाटी में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, बैंक और निजी कार्यालय बंद हैं। इस बीच अलगाववादी गुटों ने 12 अगस्त तक कश्मीर में बंद बढ़ा दिया है।

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