न्यायालय ने गत 30 जनवरी को केजरीवाल और निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद को तलब करते हुए कहा था कि प्रथम दष्टया उनके बयानों से क्रिकेट संघ एवं उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ा। शिकायत में दावा किया गया था कि केजरीवाल और कीर्ती आजाद ने चर्चाओं में बने रहने एवं राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मानहानि करने वाले बयान दिए। हालांकि अदालत ने आजाद को दस हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दे दी थी।
डीडीसीए एवं चौहान की तरफ से पेश हुए वकील संग्राम पटनायक ने इसका विरोध करते हुए दलील दी थी कि याचिका पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि जब शिकायत दायर की गई, तब चौहान डीडीसीए के उपाध्यक्ष थे और उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में भी याचिका दायर की थी।