डीडीसीए मामले की जांच ईडी और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग करते हुए आजाद ने इस मुद्दे को जेटली के साथ जोड़ने से इंकार कर दिया। बार-बार यह पूछे जाने पर कि वह जेटली का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं और वित्त मंत्री के खिलाफ उनके क्या आरोप हैं तो आजाद ने कहा, यह सिद्धांतों का मामला है और हम यह लड़ाई बीते नौ वर्षों से लड़ रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और सुरिंदर खन्ना के साथ पत्रकार सम्मेलन में मौजूद आजाद ने कहा कि उनके सैद्धांतिक अभियान में कोई निजी लड़ाई नहीं है। उन्होंने एक वीडियो फुटेज भी दिखाई। डीडीसीए की 2011-12 की एजीएम की इस फुटेज में आजाद को जेटली से सवाल करते हुए दिखाया गया है। उस वक्त जेटली अध्यक्ष थे। फुटेज में यह भी दिखाया गया है कि जेटली डीडीसीए के उन पदाधिकारियों का बचाव कर रहे हैं जिनसे आजाद कथित वित्तीय गड़बडि़यों को लेकर सवाल कर रहे थे।
बिहार के दरभंगा से लोकसभा सदस्य आजाद का यह पत्रकार सम्मेलन उस वक्त हुआ है जब आम आदमी पार्ची के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए का 14 साल तक अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है। सीबीआई ने राजेंद्र कुमार से पूछताछ की है।
वहीं डीडीसीए में वित्तीय हेराफरी के कीर्ति आजाद के दावों पर प्रतिक्रिया करते हुए इसके उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि भाजपा सांसद ने अपने आरोपों के संदर्भ में जो सामग्री उपलब्ध कराई है वह पूर्व की जांच से ली गई थी जिसके आधार पर एसपी बंसल को अध्यक्ष पद से हटाया गया। चौहान ने कहा, यह हमारी तीन सदस्यीय समिति के जांच के आधार पर तथाकथित खुलासा है। इस जांच के आधार पर ही एसपी बंसल को हटाया गया था। उन्होंने कहा, यह सब डीडीसीए में अरुण जेटली का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एसपी बंसल के अध्यक्ष रहते हुए हुआ। यह सारा कारनामा उनका है। आजाद द्वारा जाली बिलों के वीडियो फुटेज दिखाने के बारे में चौहान ने कहा, देखिए काम तो हुआ है। ऐसा नहीं कि काम नहीं हुआ लेकिन इसका जिस तरह से आवंटन किया गया वह गलत था। उन्होंने कहा, यह सब हमारी जांच समिति की रिपोर्ट में था। ये हमारी रिपोर्ट से निकाल रहे हैं।