नसरीन ने कहा, ममता दी को चिदंबरम से सीखना चाहिए और कहना चाहिए कि तसलीमा के टीवी ड्रामा सीरीज पर प्रतिबंध लगाना गलत था। उन्हें प्रतिबंध हटाना चाहिए और टीवी पर इसके प्रसारण की अनुमति देनी चाहिए। कोलकाता में बसेे एक हिंदू परिवार पर तसलीमा के धारावाहिक का प्रसारण दिसंबर 2013 में आकाश आठ चैनल पर रोक दिया गया था। नसरीन ने तब पश्चिम बंगाल सरकार पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था और अपने ट्वीट में कहा था कि वह महसूस करती हैं कि वह सऊदी अरब में रह रही हैं।
अपनी विवादास्पद पुस्तक लज्जा और द्विखंडितो के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों के गुस्से का सामना करने वाली नसरीन ने अपने ट्वीट में कहा, पी चिदंबरम ने कहा कि सैटेनिक वर्सेज पर प्रतिबंध लगाना गलत था। बुद्धदेव भट्टाचार्य कब कहेंगे कि मेरी पुस्तक द्विखंडितो पर प्रतिबंध लगाना गलत था। कम्युनिस्ट नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
भारत में निर्वासित जीवन गुजार रहीं तसलीमा की टिप्पणी एेसे समय में आई है जब चिदंबरम ने माना कि राजीव गांधी सरकार द्वारा 1988 में सलमान रश्दी के उपन्यास सैटेनिक वर्सेज पर प्रतिबंध लगाना गलत था। जब पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया गया था चिदंबरम उस वक्त सरकार में गृह राज्य मंत्री थे।
अपने उपन्यास लज्जा से कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली बांग्लादेशी लेखिका ने लंबे समय तक यूरोप में रहने के बाद 2004 में कोलकाता में शरण ली थी।नवंबर 2007 में कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने उन्हें नई दिल्ली में अघोषित ठिकाने पर रखा जहां वह तब से रह रही हैं।