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मालेगांव विस्फोटः साध्वी प्रज्ञा मकोका से बरी

सन 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मकोका के आरोपों से बरी करते हुए निचली अदालत को एक माह के अंदर सभी आरोपियों की जमानत याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है।
मालेगांव विस्फोटः साध्वी प्रज्ञा मकोका से बरी

शीर्ष अदालत ने कहा कि मकोका के प्रावधान आरोपी राकेश डी धावड़े पर पूर्ववर्ती मामले में उसकी कथित संलिप्तता के कारण लागू हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि वह वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित आरोपियों की जमानत के आग्रह पर एक माह के अंदर विचार करे। देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक आरोपी को छोड़कर अन्य विचाराधीनों की जमानत याचिका पर फैसला करते समय मकोका के प्रावधानों पर विचार न किया जाए। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके में साध्वी प्रज्ञा आरोपी है। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। साध्वी को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार करने के बाद मकोका लगा दिया था। साध्वी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रचारक सुनील जोशी की हत्या के मामले में भी आरोपी है। कोर्ट ने अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि मकोका के प्रावधान आरोपी राकेश डी धावड़े पर पहले के मामले में उसके कथित रूप से शामिल होने के कारण लागू हैं। इस मामले में अन्य आरोपी राजेंद्र चौधरी, लोकेश शर्मा और जितेंद्र शर्मा हैं। 

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