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भाजपा सरकार सभी मामलों में RSS से जुड़े लोगों को बचा रही है : दिग्विजय सिंह

साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को 9 साल बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।
भाजपा सरकार सभी मामलों में RSS से जुड़े लोगों को बचा रही है : दिग्विजय सिंह

मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टीनेंट श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को सोमवार को जमानत मिल गई। इसपर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुरोहित की जमानत उम्मीद के मुताबिक है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सभी बम विस्फोट मामलों में आरएसएस से जुड़े हर आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कर्नल पुरोहित को जमानत मिल गई। यह उम्मीद के अनुरूप है क्योंकि बीजेपी सरकार सभी बम विस्फोट मामलों में आरएसएस से जुड़े हर आरोपी को बचा रही है।’’ सिंह ने ट्वीट कर यह भी आरोप लगाया कि एनआईए के प्रमुख का कार्यकाल दो बार केवल इसी लिए बढ़ाया गया ताकि रिहाई सुनिश्चित की जा सके।



वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जमानत मिलने से यह तय नहीं हो जाता कि व्यक्ति दोषी है या नहीं चूंकि मुकदमा चल रहा है. सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि मोदी सरकार को भारत में ऐसा कोई योग्य अधिकारी नहीं मिल पाया जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी का नेतृत्व कर सके कि उसने मौजूदा प्रमुख का कार्यकाल दो बार बढ़ाया.’’

बता दें कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित पर आतंक और हत्या के साजिश का आरोप लगाया गया था। वो पहले सैन्य अधिकारी हैं, जिसके खिलाफ आतंकी कृत्य के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। पुरोहित पर सेना से 60 किलो आरडीएक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया था, इनमें से कुछ मालेगांव विस्फोट में कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था। उन पर अभिनव भारत जैसे हिंदू उग्रवादी समूहों को धन और प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया गया था।

साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को 9 साल बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश से अलग जाकर मालेगांव विस्फोट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को सशर्त जमानत दिया है।

 



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्नल पुरोहित की पत्नी अपर्णा पुरोहित ने कहा, "मैं वास्तव में अदालत की आभारी हूं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक लंबी लड़ाई रही है।"

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पुरोहित को जमानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया था। NIA की ओर से कहा गया कि पुरोहित को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे केस पर असर पड़ सकता है। 

बता दें कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए। क्योंकि कर्नल पुरोहित का बम धमाके से जुड़े होने का कोई लिंक नहीं मिला है। 

वहीं, इस मामले में ही आरोपी प्रज्ञा ठाकुर और उनके छह सहयोगियों को इसी साल अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी। उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।कोर्ट ने यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और 8 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है और वह काफी कमजोर हो गई हैं, बिना सहारे चलने में भी असमर्थ हैं।

गौरतलब है कि मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को हुआ जिसमें 6 लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार की नमाज के बाद एक मस्जिद में एक मोटरसाइकिल पर बम विस्फोट हुआ था। पुरोहित की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सेना ने एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया, जिसके बाद में पुरोहित को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई। हालांकि, कुछ महीनों बाद पुरोहित ने आरोप लगाया कि सैन्य खुफिया अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया।

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