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ममता बनर्जी ने पीएम के बयान पर कहा कि सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा

गौ-रक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केवल बातों से काम नहीं चलेगा। हिंसा रोकने के लिए कुछ करना होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से दो दिनों के गुजरात दौरे पर हैं जहां उन्होंने गौ-रक्षा के नाम पर हो रही हत्यों पर गहरी नाराजगी जतायी थी।
ममता बनर्जी ने पीएम के बयान पर कहा कि सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट करके कहा कि हम देशभर में गौ रक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं की निंदा करते हैं लेकिन केवल बयान देने भर से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इन हत्याओं को तुरंत रोका जाना चाहिए।

उमर अब्दुल्ला ने किया स्वागत

वहीं जम्मु-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीएम के बयान की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लोगों पीएम की  सलाह को सुनेंगे और उसको अमल में भी लाएंगे।

साबरमती आश्रम के 100 साल पूरे

गौरतलब है कि पीएम अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के 100 साल पूरा होने पर पहुंचे और चरखा चलाया। इसके बाद पीएम ने भीड़ की हिंसा पर कहा कि गाय की सेवा हमें महात्मा गांधी और विनोबा भावे से सीखनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा क्यों हो रही है। उनहोंने कहा कि मौजूदा हालातों पर पीड़ा होती है, गाय की सेवा ही गाय की भक्ति है। गोरक्षा के नाम पर हिंसा ठीक नहीं है और देश को अहिंसा के रास्ते पर चलना होगा। गोभक्ति के नाम पर लोगों हत्या स्वीकार नहीं की जाएगी। अगर कोई इंसान गलत है तो कानून अपना काम करेगा, किसी को भी कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं है।

पीएम ने बताई बचपन की बात

इस दौरान गाय को लेकर पीएम ने अपने बचपन की एक सच्ची कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था तो हमारे घर के पास एक परिवार रहता था, उस परिवार में कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण घर में काफी तनाव रहता था। काफी समय बाद उस घर में एक बच्चे का जन्म हुआ, उस समय एक गाय वहां पर आती थी और रोजाना कुछ खाकर चली जाती थी। एक बार गाय के पैर के नीचे बच्चा आ गया और उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन सुबह ही वह गाय उनके घर के सामने खड़ी हो गई, गाय ने किसी के घर की रोटी नहीं खाई। उस परिवार से भी रोटी नहीं खाई और गाय के आंसू लगातार बहते रहे। गाय ने लगातार भूखे रह कर अपना शरीर त्याग दिया। एक बच्चे की मौत के पश्चाताप में उस गाय ने जान दे दी लेकिन आज लोग गाय के नाम पर ही हत्या कर रहे हैं।

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