सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्र नजीब अहमद का कोई सुराग न मिल पाने को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई। वहीं दूसरी तरफ कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे नजीब के परिवार के साथ पुलिस की बदसलूकी के आरोप लग रहे हैं।
दरअसल, नजीब की मां फातिमा नफीस के साथ बड़ी संख्या में जेएनयू छात्र दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, जब प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट परिसर के अंदर जाने की कोशिश की तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
छात्रों का आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने डिटेन करने के नाम पर नजीब की बुजुर्ग मां के साथ बदसलूकी की. जेएनयू छात्रों ने एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें कुछ महिला पुलिसकर्मी नजीब की मां के दोनों हाथ-पांव पकड़कर खींचने की कोशिश करती नजर आ रही है। आरोप है कि पुलिस ने नजीब की मां के साथ हाथापाई भी की। छात्रों का ये भी आरोप है कि नजीब की मां को चोट आई हैं।
'लापता जेएनयू छात्र नजीब मामले को लेकर सीबीआई में दिलचस्पी का अभाव'
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा था कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले की जांच में सीबीआई की ओर से दिलचस्पी का पूरी तरह अभाव रहा है। कोर्ट ने मामले की जांच पांच महीने पहले सीबीआई को सौंपी थी।
न्यायमूर्ति जी.एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर की पीठ ने कहा कि इस मामले में किसी रूप में कोई परिणाम नहीं है। कागजों पर भी कोई परिणाम नहीं निकला। सीबीआई द्वारा अदालत में कही गई बातों और उसकी स्थिति रिपोर्ट में विरोधाभास मिलने के बाद कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। सीबीआई ने मामले में संदिग्ध छात्रों के फोन कॉल और संदेश के विश्लेषण के आधार पर स्थिति रिपोर्ट कोर्ट को दी है। इसी रिपोर्ट पर कोर्ट ने सवाल उठाए हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर अपनी कड़ी टिप्पणी उस दौरान की, जब लापता छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। फातिमा ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से 15 अक्टूबर, 2016 को लापता बेटे का पता लगाने के लिए आदेश जारी करे।