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कश्मीर में हिंसा जारी, केन्या यात्रा छोड़ डोभाल स्वदेश रवाना

कश्मीर घाटी में सोमवार को तीसरे दिन भी हिंसा और आगजनी की घटनाएं जारी रही। घाटी में जारी हिंसा पर काबू पाने के प्रयासों में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल केन्या से स्वदेश रवाना हो गए।
कश्मीर में हिंसा जारी, केन्या यात्रा छोड़ डोभाल स्वदेश रवाना

हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने को लेकर अलगाववादी प्रायोजित हड़ताल और कर्फ्यू जैसी पाबंदियों के चलते कश्मीर में सामान्य जनजीवन पंगु हो गया है। सोमवार को भीड़ ने सोपोर में एक पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया और कश्मीर में अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों के साथ पुलवामा में वायुसेना के हवाईअड्डे को निशाना बनाया। पथराव की घटनाओं में भी कोई कमी नहीं आई। सोमवार को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों से कुल 800 अतिरिक्त जवानों को जम्मू कश्मीर भेजा जा रहा है। इससे पहले, शनिवार को ।,200 जवानों को राज्य पुलिस की मदद के लिए जम्मू कश्मीर भेजा गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज सुबह पुलवामा के कोइल में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने वायुसेना के हवाईअड्डे की तरफ पथराव किया। सुरक्षाबलों ने भीड़ को भगाने का प्रयास किया, लेकिन हमलावर फिर से समूह बनाकर बीच-बीच में पथराव करते रहे। प्रदर्शनकारियों ने सोपोर में एक फल मंडी स्थित पुलिस थाने में आग लगा दी। हालांकि वहां तैनात कर्मी, हथियार और दस्तावेज आग से बचा ले गए।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में तनाव की स्थिति को देखते हुए डोभाल को 24 घंटे पहले ही स्वदेश रवाना कर दिया। वह अधिकारियों से घाटी में घटनाक्रमों का नियमित जायजा ले रहे हैं। डोभाल मोदी के साथ उनकी चार देशों की यात्रा पर गए थे और उनका मंगलवार को आने का कार्यक्रम था। कश्मीर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,  यदि समस्याएं हैं, तो उनके समाधान भी हैं। हमें समाधान निकलने का पूरा भरोसा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस पर विस्तार से चर्चा नहीं की, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने स्थिति के 72 घंटों के भीतर नियंत्रण में आने का भरोसा जताया। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, कश्मीर के लोग कानून का पालन करने वाले और आतंकवाद के खिलाफ हैं। वे शांति, समृद्धि और विकास में भरोसा करते हैं।

 

सरकारी सूत्रों ने जोर दिया कि हथियार उठाकर नागरिकों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित विपक्षी नेताओं से मिले और राज्य में मौजूदा स्थिति पर उनसे चर्चा की। मुलाकात के बारे में उमर ने बाद में कहा कि उन्होंने केंद्र को बताया कि जब तक सुरक्षाबल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों को मारना बंद नहीं करते, घाटी में हिंसा नहीं रुकेगी।

 

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