पवित्र अमरनाथ गुफा को साइलेंस जोन घोषित करने मामले पर गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। एनजीटी ने कहा है कि अमरनाथ को लेकर आदेश की गलत रिपोर्टिंग की गई है।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि मंत्रोच्चारण और आरती पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि केवल शिवलिंग के सामने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की बात कही गई है। इसके साथ ही गुफा की सीढ़ियों से पहले लोगों को अपना सामान जमा करना होगा और गुफा में प्रवेश के लिए एक सिंगल लाइन में चलना होगा।
एनजीटी ने साफ किया है कि उन्होंने अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया है। बस तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं।
एनजीटी के फैसले को वीएचपी ने बताया हिंदुओं का अपमान
बुधवार को एनजीटी की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसे हिंदुओं का अपमान बताया था। साथ ही, एनजीटी से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी।
मंगलवार को एनजीटी ने कहा था कुछ ऐसा
बता दें कि बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पवित्र अमरनाथ गुफा को शांत क्षेत्र घोषित करते हुए एक निश्चित सीमा से आगे जयकारे लगाने पर रोक लगा दी है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने श्राईन बोर्ड को निर्देश दिया कि अंतिम चेक पोस्ट के बाद श्रृद्धालुओं को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं दें। बता दें कि एनजीटी ने अमरनाथ मंदिर में घंटी बजाने पर भी रोक लगा दी है।
इससे पहले 15 नवंबर को एनजीटी ने श्रृद्धालुओं को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया न कराने के लिए अमरनाथ श्राईन बोर्ड को फटकार लगाई थी। एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन के आसपास के क्षेत्र को 'साइलेंस जोन' घोषित करने का निर्देश दिया था। साथ ही, गुफा के पास नारियल न फेंकने के भी आदेश दिए हैं।
एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है, जो श्रद्धालुओं को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने पर रिपोर्ट सौंपेगी। ये कमेटी मौके पर जाकर मुआयना करेगी और रास्तों की सुगमता और साफ-सफाई का निरीक्षण कर रिपोर्ट दाखिल करेगी।