हार्दिक पटेल की जमानत याचिका के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर पुलिस जांच पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा। यानी तब तक गुजरात हाईकोर्ट में हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलता रहेगा। सर्वोच्च अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच के पास मामला भेज गया। हार्दिक ने अपने खिलाफ लगे देशद्रोह के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत की मांग की है। वह फिलहाल सूरत की जेल में बंद हैं।
बुधवार को हार्दिक की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी। सिब्बल ने दलील दी थी कि हार्दिक के खिलाफ गलत तरीके से मामला बनाया गया है। जिस रिकॉर्डिंग के आधार पर ये मामला बनाया गया है वह दो लोगों के बीच की आपसी बातचीत थी और सार्वजनिक नहीं थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस अमितॉय रॉय की बेंच ने मामले को आगे सुनने से इनकार कर दिया। इस दौरान दोनों जजों में एक राय नहीं बन पाई।
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने देशद्रोह के आरोप को चुनौती देने वाली हार्दिक पटेल की याचिका को खारिज कर दिया था। यह मामला उस बयान से जुड़ा है जिसमें हार्दिक पटेल ने कथित तौर पर कहा था कि दो-चार पुलिसवालों को मार देना, लेकिन खुदकुशी मत करना। इस बयान का वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद हार्दिक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।