प्रवेश के लिए आवेदन और केंद्र सरकार के तहत सेवाओं के लिए जाति या अधिवास प्रमाणपत्र हासिल करने में एससी और एसटी अभ्यर्थियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में केंद्र को समय-समय पर अभिवेदन मिलते रहे हैं। कोई व्यक्ति किस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का निवासी है इसे प्रमाणित करने के लिए उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी प्रमाणपत्र जारी करते हैं। शैक्षणिक संस्थानों और राज्य या केंद्र सरकार की सेवाओं के साथ-साथ एेसी नौकरियों जिनमें स्थानीय निवासियों को वरीयता उपलब्ध हो, उनमें अधिवास या आवास कोटा के लाभ के लिए एेसे प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए तैयार दिशानिर्देशाें के मसौदें में लिखा है, इस बात की भी संभावना है कि जन्म प्रमाणपत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दर्ज का संकेत दिए जा सके। मसौदे के अनुसार, एससी या एसटी छात्राें को प्रमाण-पत्र हासिल करने में आने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान जाति और मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी करने का प्रस्ताव दिया गया है।