मोदी का यह बयान सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन पर सवाल उठाने वाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत यात्रा की समाप्ति के दौरान भी देश में बढ़ रही धार्मिक असहिषुणता की ओर इशारा किया था।
बराक ओबामा का यह बयान भारतीय नेतृत्व और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर सवालिया निशान लगाने वाला है क्योंकि दिल्ली सहित देश भर में अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुए है। दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में छह चर्चों पर हमले हुए और इसे लेकर ईसाई समुदाय में गहरा आक्रोश भरा हुआ है। मुसलमानों में पहले से ही गहरा आक्रोश और गहरी असुरक्षा भरी हुई है।
ओबामा ने कहा, भारत शानदार विविधता से भरा हुआ है, लेकिन पिछले कुछ साल में अलग-अलग आस्थाओं में विश्वास रखने वाले लोगों को निशाने पर सिर्फ उनके विश्वासों और विरासत की वजह से बनाया गया। इस तरह की असहनशीलता को देखकर गांधीजी, जिन्होंने राष्ट्र को आजाद कराया, को सदमा लगता। ओबामा के इस बयान से दिल्ली की राजनीति पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। वैसे भी गणतंत्र दिवस के बाद ओबामा के बयान के बाद से केंद्रीय मंत्रियों को धर्मनिरपेक्षता आदि पर बयान देने पड़े थे।