सूत्रों के मुताबिक, सरकार ओआरओपी के तौर-तरीकों पर काम कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द इसकी घोषणा करने वाले हैं। इसके लिए हमें एक अलग श्रेणी विकसित करना होगा ताकि इसे बाद में किसी कानूनी चुनौती से निपटना न पड़े और न ही कोई और दावेदारी कर सके। यह योजना सरकार की अन्य सभी पेंशन योजनाओं से बिल्कुल अलग होगी। इसकी शुरुआत कब होगी, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संकेत दिया कि यदि इस योजना के सभी पहलुओं पर सहमति बन जाती है तो बिहार विधानसभा चुनाव तक इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
मोदी सरकार पर दबाव बढ़ाने के मकसद से पूर्व सैनिकों ने वादे के मुताबिक अपनी मांगें मनवाने के लिए बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए वहां विशाल रैली आयोजित करने की योजना बनाई है। सरकार ने यह फैसला पूर्व सैनिकों के देश के 20 शहरों में सोमवार से भूख हड़ताल करने का कार्यक्रम को देखते हुए किया है। बिहार विधासभा चुनाव इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर में होना है। यहां भाजपा को कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने वाले दलों जद (यू) और राजद से कड़ा मुकाबला झेलने की संभावना है।
मोदी सरकार कह चुकी है कि वह ओआरओपी के लिए प्रतिबद्ध है जिसका वादा उसने लोकसभा चुनाव के दौरान किया था। हालांकि अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। सरकार यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि इसे लागू करने में इतनी देर क्यों हो रही है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि संबंधित फाइल बजटीय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास है। यह योजना लागू होने से देश के लगभग 22 लाख पूर्व सैनिकों और छह लाख से अधिक सैनिक विधवाओं को इसका लाभ मिलेगा।