दरअसल आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रैसवार्ता में वन रैंक-वन पेंशन योजना का ऐलान किया जिसमें स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले सैनिकों को शामिल नहीं किया है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि अगर वीआरएस लेने वाले सैनिकों को इसका लाभ नहीं मिलता है तो उनके लिए वन रैंक-वन पेंशन योजना लागू होना मायने नहीं रखता है। जंतर-मंतर पर इन सैनिकों के मीडिया सेल से मिली जानकारी के अनुसार इनका धरना और भूख हड़ताल इसी प्रकार जारी रहेगी। इनका यह भी कहना है कि इस संबंध में सरकार ने जिस कमेटी को बनाए जानी की घोषणा की है उसमें कम से कम पांच सदस्य होने चाहिए।
इससे पहले मेजर जनरल (रियायर्ड) सतबीर सिंह ने जंतर मंतर पर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार ने सिद्धांत के रूप में हमारी मांग मान ली है। उधर वह आंदोलकारी सैनिकों को संबोधित कर रहे थे और बता रहे थे कि इसमें वीआरएस लेने वाले सैनिकों को भी शामिल किया गया है लेकिन रक्षा मंत्री ने अपनी प्रैसवार्ता में ऐसा होने से इंकार कर दिया।