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OROP: पूर्व सैनिकों का अनशन खत्‍म, लेकिन आंदोलन जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍पष्‍टीकरण के बाद पूर्व सैनिकों ने वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर चल रहा आमरण अनशन खत्‍म करने का ऐलान किया है लेकिन लंबित मुद्दों पर उनका आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिक जंतर-मंतर पर 12 सितंबर को एक महारैली करेंगे।
OROP: पूर्व सैनिकों का अनशन खत्‍म, लेकिन आंदोलन जारी

वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आना पड़ा। बदरपुर-फरीदाबाद मेट्रो रेल लाइन के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर कहा कि हमने पूर्व सैनिकों से जो वादा किया था, उसे निभाया है। हर पूर्व सैनिक को ओआरओपी का फायदा मिलेगा। पीएम ने कहा कि वीआरएस के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। ऐसे जवान जो मोर्चे पर गंभीर रूप विकलांग होने के कारण सेना छोड़ देते हैं, उनको भी वन रैंक-वन पेंशन का लाभ मिलेगा। 

प्रधानमंत्री के इस आश्‍वासन के बाद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिकों ने अपना अनशन खत्म करने का ऐलान किया है, लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिक जंतर-मंतर पर 12 सितंबर को महारैली करेंगे। ओआरओपी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए पूर्व सैनिकों के नेता मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) सतबीर सिंह ने कहा कि वह भूख हड़ताल कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों से अनशन समाप्त करने की अपील करते हैं। लेकिन लंबित मुद्दों के समाधान तक क्रमिक हड़ताल और आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिकों के चार मुद्दों का समाधान होना अभी बाकी है। पेंशन में संशोधन के लिए पांच साल का प्रावधान भी उन्‍हें मंजूर नहीं है, इसे सालाना किया जाना चाहिए। साथ ही, ओआरओपी के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की नियुक्ति भी उन्हें स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार लंबित मुद्दों को हल करने में नाकाम रहती है तो पूर्व सैनिक फिर से भूख हड़ताल का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से घोषित ओआरओपी में एक बड़ा मुद्दा यह था कि क्या समयपूर्व अवकाशग्रहण कर चुके पूर्व-सैनिक को इसका फायदा मिलेगा या नहीं। कल मसले पर पूर्व-सैनिकों ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से भी मुलाकात की थी। 

वीआरएस के नाम पर सैनिकों को गुमराम करने का आरोप  

इससे पहले हरियाणा की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर पूर्व सैनिकों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग सैन्य बलों को समयपूर्व सेवानिवृत्ति तथा आयोग गठित करने के मुद्दे पर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। सेना में जवान 15-17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें ओआरओपी नहीं मिलेगा।....वे आपको वीआरएस का नाम लेकर गुमराह कर रहे हैं। मोदी ने आगे कहा, अगर किसी को ओआरओपी पहले मिलेगा तो वो जवान हैं।...जो घायल हुए हैं, जिनको अनिवार्य रूप से सेना छोड़नी पड़ती है। उनको ओआरओपी मिलेगा। सेना में करीब 85 फीसदी जवानों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों को 15-17 साल की सेवा के बाद अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होना पड़ता है, उनको इस फैसले का सबसे अधिक फायदा होगा। 

कांग्रेस पर साधा मोदी ने निशाना 

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, जिन लोगों ने 40-42 साल तक कुछ नहीं किया क्या उनको सवाल पूछने का अधिकार है? उन्होंने कहा, पूर्व की सरकार ने 500 करोड़ रूपये का प्रस्ताव दिया था। हमने सोचा था कि यह 600-700 करोड़ रूपये हो सकता है। आकलन करते समय नई चीजें सामने आईं। मैंने हर पहलू को सुलझाया और आकलन किया कि खर्च करीब 8000-10,000 करोड़ रूपये होगा।

 

- एजेंसी इनपुट 

 

 

 

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