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उस्मानाबाद में खतरनाक तरीके से गिरा लिंगानुपात

उस्मानाबाद में लिंगानुपात खतरनाक तरीके से नीचे चला गया है जिसके चलते जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बालिका शिशुओं को बचाने के अपने प्रयासों में इजाफा कर दिया है।
उस्मानाबाद में खतरनाक तरीके से गिरा लिंगानुपात

कलेक्टर प्रशांत नरानवारे ने आज यहां बताया कि उनकी अगुवाई में पीसीपीएनडीटी अधिनियम कार्य बल समिति का गठन किया गया है जिसने एक अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच 618 गांवों में लिंगानुपात से जुड़े आंकड़े संग्रहित किए। आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से उन्होंने बताया कि जिले में आठ तालुकों में से कलांब, तुलजापुर, परांदा और वाशी में लिंगानुपात में काफी गिरावट दर्ज की गयी।

 

कलेक्टर ने बताया कि कलाम्ब में जहां एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 791 थी वहीं वाशी में यह 848, तुलजापुर में 875 और परांदा में 896 थी। उन्होंने बताया कि सवर्ेक्षण के दायरे में आए 618 जिलों में से 391 में लिंगानुपात सबसे कम है। इन गांवों की पंचायतें अब अपने परिसरों में लिंगानुपात का चार्ट लगाने लगी हैं। 800 से नीचे लिंगानुपात वाली पंचायतों को रेड कार्ड दिया जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और सोनोग्राफी सेंटरों पर छापेमारी जारी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डा दीपक सावंत उस्मानाबाद जिले के संरक्षक मंत्री हैं लेकिन इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने के लिए उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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