संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी देशभर में विरोध जारी है। बहुत से संगठन फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
फिल्म पर बैन लगाने को लेकर वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे शुक्रवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को सुना और फिल्म को लेकर उनका जो विरोध था उसे खारिज कर दिया।
Supreme Court today refused to entertain a plea filed by lawyer Manohar Lal Sharma, the plea claimed that the CBFC certificate issued to #Padmaavat was illegal. pic.twitter.com/JzlK448Klj
— ANI (@ANI) January 19, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है हमारी नहीं। याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ‘पद्मावत’ रिलीज होने के बाद अगर देश में कानून व्यवस्था और दंगे जैसे हालात पैदा होते हैं तो इसके लिए फिल्म जिम्मेदार होगी।
सीजेआई ने कहा, ‘हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में कार्य कर रहे हैं और सुरक्षा देना राज्य का कर्तव्य है’। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह विस्तृत आदेश गुरुवार को दे चुके हैं और उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड एक बार मंजूरी दे चुका है तो उसे रोका नहीं जा सकता।
The three-judge bench of Supreme Court headed by Chief Justice of India (CJI) Dipak Misra said 'the Court has to function as a constitutional court and it has already yesterday in its interim order said that states can't block a movie from screening' #Padmaavat
— ANI (@ANI) January 19, 2018
वहीं, इससे पहले राजपूत करणी सेना के सुखदेव सिंह का कहना है कि वो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) अध्यक्ष प्रसून जोशी को राजस्थान के अंदर घुसने नहीं देंगे।
Prasoon Joshi(CBFC chief) will not be allowed to enter Rajasthan: Sukhdev Singh,Rajput Karni Sena #Padmaavat pic.twitter.com/VsJVWyupYB
— ANI (@ANI) January 19, 2018