विवादों के बीच संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावती" की रिलीज टलने की खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक अब यह फिल्म एक दिसंबर की बजाय 12 जनवरी को रिलीज होगी। एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) ने तकनीकी कारणों से फिल्म को वापस फिल्म मेकर्स को लौटा दिया है। अब जब यह फिल्म दोबारा सेंसर बोर्ड के पास आएगी तब इसका दोबारा नियमों के अनुसार रिव्यू किया जाएगा।
हालांकि फिल्म को प्रोड्यूस कर रही कंपनी वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजित अंधारे ने ट्वीट कर "पद्मावती" की रिलीज डेट आगे बढ़ाए जाने की खबरों को महज अफवाह बताया है। सूत्रों के अनुसार फिल्म के निर्माताओं की ओर से सेंसर बोर्ड को जो डॉक्युमेंट भेजे गए थे उसमें कई तरह की खामियां थी। फिल्म की शुरुआत में भी अपेक्षित डिस्क्लेमर नहीं था।
सूत्रों के मुताबिक सेंसर बोर्ड के कामकाज में सरकार की ओर से किसी तरह का दखल नहीं है। फिल्म के बारे में कोई फैसला लेने के लिए सेंसर बोर्ड स्वतंत्र है। बीते दिनों सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी ने भी कहा था कि उन्होंने अभी तक पद्मावती नहीं देखी है। शुरुआत में ऐसी खबरें आई थी कि जोशी एक एक प्राइवेट स्क्रीनिंग में फिल्म देख चुके हैं।
सेंसर बोर्ड सूत्रों ने यह भी बताया कि मेकर्स ने करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म दिखाने के लिए सेंसर बोर्ड से अनुमति मांगी है। इसके लिए सेंसर बोर्ड को पद्मावती के निर्माताओं की ओर से स्पेशल स्क्रीनिंग के किए चिट्ठी लिखी गई है। नियमों के मुताबिक, रिलीज से 15 दिन पहले फिल्म को सेंसर के पास भेजना होता है।
सूत्रों की मानें तो फिल्म की पहली कॉपी का काम पूरा नहीं हुआ है, जिसकी वजह से इसे सेंसर के पास भेजने में देरी हुई। इस फिल्म पर मचे विवाद को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि इस तरह की चीजों को सुलझाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड की है।