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जो चाहते हैं उन्हें बीफ खाने की अनुमति दी जानी चाहिए: कांत

वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत का मानना है कि भारत जैसे लोकतंत्र में अगर कुछ लोग चाहते हों तो उन्हें बीफ सेवन की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंसद की आजादी होनी चाहिए।
जो चाहते हैं उन्हें बीफ खाने की अनुमति दी जानी चाहिए: कांत

भारत सरकार के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग में सचिव कांत ने मंगलवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, मेरा मानना है कि हम लोकतंत्र में हैं जिसमें लोगों को यह तय करने का अधिकार है कि वे क्या कहना चाहते हैं, जो लोगों को यह तय करने की अनुमति देगा कि वे क्या खाना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि उस अधिकार में गोमांस सेवन शामिल है, उन्होंने पलटकर जवाब दिया, निश्चित रूप से। पसंद की आजादी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने यह बात इस तथ्य के संदर्भ में कहा है कि मैं केरल कैडर से हूं, मेरा पड़ोसी एक नायर था, मेरे दाहिनी ओर का पड़ोसी एक ब्राह्मण था, वे सब बीफ सेवन करते थे। हम सब उस राज्य में बीफ खाते हुए बड़े हुए। पसंद की आजादी होनी चाहिए।

 

कांत ने पहले भी कहा था कि वह निजी रूप से बीफ के निर्यात पर रोक लगाए जाने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि सरकार को ऐसे क्षेत्रों से बाहर होना चाहिए और उसे वृद्धि के उत्प्रेरक के तौर पर काम करना चाहिए। कांत नीति आयोग के कार्यवाहक सीईओ भी हैं। कार्यक्रम में उन्होंने अभिनेता आमिर खान पर भी निशाना साधा। हालांकि उन्होंने देश में असहिष्णुता के माहौल के संबंध में खान की टिप्पणी पर जवाबी टिप्पणी की थी। कांत ने कहा,  मैं समझता हूं कि हर किसी को यह कहने की आजादी है कि वे क्या कहना चाहते हैं सिवाय इसके कि जब वह अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेस्डर हैं। ता दें कि कांत ने इस अभियान में अहम भूमिका निभाई थी।

 

केरल कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी कांत ने कहा कि आमिर ने अतुल्य भारत अभियान का ब्रांड एंबेस्डर रहने के दौरान ब्रांड इंडिया को नुकसान पहुंचाया। अभियान से आमिर खान के हटाए जाने का बचाव करते हुए कांत ने कहा था कि भारत को असहिष्णु देश कह कर अभिनेता ने ब्रांड एंबेस्डर की अपनी भूमिका के खिलाफ काम किया। कोई ब्रांड एंबेस्डर एक ब्रांड को प्रोत्साहित करता है। लोग तभी भारत आएंगे और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेस्डर देश को अतुल्य के रूप में दर्शाएंगे। लेकिन अगर ब्रांड एंबेस्डर कहते हों कि भारत असहिष्णु है तो वह निश्चित रूप से ब्रांड एंबेस्डर के रूप में काम नहीं कर रहे हैं। आमिर ने पिछले साल नवंबर में अपने एक बयान से असहिष्णुता विवाद को हवा दे दी थी।

 

 

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