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पॉक्सो ई-बॉक्स: अब बच्चे कर सकेंगे यौन उत्पीड़न की सीधे शिकायत

परिजन और निकट के रिश्तेदारों द्वारा यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पॉक्सो ई-बॉक्स पहल शुरू की है जिसके जरिये पीड़ित बच्चे अपनी शिकायत सीधे आयोग तक पहुंचा सकते हैं।
पॉक्सो ई-बॉक्स: अब बच्चे कर सकेंगे यौन उत्पीड़न की सीधे शिकायत

एनसीपीसीआर ने पॉक्सो ई-बॉक्स नाम से अपनी वेबसाइट पर एक विंडो शुरू की है जहां जाकर पीड़ित बच्चे बड़े ही आसान तरीके से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिलने के बाद आयोग के स्तर से साल 2012 के बाल यौन उत्पीड़न विरोधी कानून (पॉक्सो) के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। एनसीपीसीआर के सदस्य यशवंत जैन ने कहा, कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें परिवार के लोग या रिश्तेदार शामिल होते हैं। इन स्थितियों में बच्चे चाहकर भी पुलिस या निकट की बाल कल्याण समिति अथवा किसी एनजीओ से संपर्क नहीं कर पाते हैं। इस ई-बॉक्स की शुरूआत इसी मकसद के साथ की गई है कि बच्चे घर या किसी दूसरी जगह इंटरनेट के माध्यम से महज कुछ मिनट के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जैन ने कहा, हमने ई-बॉक्स के स्तर पर आने वाली शिकायतों पर आगे की कार्रवाई के लिए आयोग के भीतर दो सदस्यीय टीम का गठन किया है। एक बार शिकायत मिलने के बाद हमारी टीम अपने स्तर पर शिकायत की छानबीन करती है और फिर संबंधित प्रशासन के माध्यम से कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित कराती है। पॉक्सो ई-बॉक्स की शुरूआत के बाद शिकायतों और सवाल-जवाब का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बाल यौन उत्पीड़न को लेकर एक अध्ययन कराया जिसमें पाया गया कि 53 फीसदी बच्चे किसी न किसी रूप में यौन उत्पीड़न का शिकार हुए हैं तथा ज्यादातर मामलों में आरोपी परिवार का कोई सदस्य अथवा नजदीकी रिश्तेदार शामिल था। आयोग की इस पॉक्सो ई-बॉक्स विंडो में शिकायत दर्ज कराने का तरीका बहुत सरल है। कोई भी पीड़ित बच्चा इस विंडो पर जाकर शिकायत का फॉर्म भर सकता है। बच्चों की आसानी के लिए कार्टून एवं तस्वीरें दी गई हैं। फॉर्म भरने के बाद शिकायत करने वाले बच्चे को एकनॉलेजमेंट नंबर मिलेगा। इसके अलावा बच्चे पॉक्सो ईबॉक्स-एनसीपीसीआर एट द रेट जीओवी डॉट इन पर अपनी शिकायत मेल कर सकते हैं। वे मोइबाल नंबर 9868235077 पर फोन भी कर सकते हैं। जैन का कहना है, आधुनिक दौर में तकनीक बढ़ने के साथ बच्चों के यौन उत्पीड़न की आशंका का दायरा भी बढ़ा है। साइबर अपराध और बाल पोर्नोग्राफी आधुनिक दौर की नई समस्याएं हैं जिसका सामना बच्चे कर रहे हैं।  जैन ने कहा, हर सप्ताह औसतन छह-सात लोग सवाल-जवाब कर रहे हैं। यौन उत्पीड़न की पहली शिकायत हरियाणा के एक बच्चे की आई जिसमें कार्रवाई सुनिश्चित कराई गई।

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