असहिष्णुता के मुद्दे पर लोकसभा में चल रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज जमकर निशाना साधा। राहुल ने पीएम मोदी पर हमलावर होते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले लोकसभा में पीएम मोदी ने अपनी बात रखते हुए महात्मा गांधी, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद समेत जवाहर लाल नेहरू के योगदानों की चर्चा की थी। पर मैं यहीं पर देख सकता हूं कि हमारी सोच में कितना अंतर है। राहुल गांधी ने कहा कि जिन लोगों का पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिक्र किया, वो देश के लोगों की आवाज सुनते थे। हमारे आदर्श नेता न सिर्फ लोगों की बातें सुनते थे बल्कि वो लोगों को सवाल करने के लिए प्रेरित भी करते थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की हम सब सांसदों ने शपथ ली है और उसके अनुसार सभी भारतीयों के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
अरुण शौरी के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, शौरीजी ने मोदीजी की थोड़ी सी आलोचना की और आपके हुड़दंगियों ने आपके अपने ही आदमी पर हमला कर दिया। उन्होंने भाजपा के बारे में कहा कि भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी सहिष्णुता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज हिंदुस्तान में विरोध का मतलब राजद्रोह है। उन्होंने वित्त मंत्री के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि अरूण जेटलीजी ने कहा कि विरोध नियोजित थे। अरूणजी यह आपके मेक इन इंडिया की तरह कोई ख्वाब नहीं है, यह वास्तविकता है।
राहुल ने कहा कि भारत सफल इसलिए है क्योंकि हमने अपने लोगों को गले लगाया है। पाकिस्तान का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि पाकिस्तान की कमजोरी असहिष्णुता है। उनके नेता अपने लोगों की आवाज नहीं सुनते हैं। राहुल ने दादरी की घटना का भी जिक्र करते हुए कहा, एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है, फिर भी पीएम चुप रहते हैं जो कि उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। एक तरफ सरकार स्किल इंडिया की बात करती है और उधर जब अपने संस्थान की कमान एक अयोग्य आदमी को देने पर एफटीआईआई के छात्र आवाज उठाते हैं तो वह दबा दी जाती है। लोकसभा में असहिष्णुता पर चर्चा के दौरान राहुल ने भाजपा के गुजरात मॉडल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने पूछा कि क्या हुआ गुजरात में? गुजरात मॉडल एक गुब्बारे की तरह फट गया और पाटीदारों का आंदोलन शुरू हो गया।