कोर्ट ने यह टिप्पणी हिंनगोनिया गौशाला में गायों की मौत मामले पर सुनवाई के दौरान की है। साथ ही कोर्ट ने वन विभाग को आदेश दिया है कि हर साल गौशालाओं में 5000 पौधे लगाए जाएं। फिलहाल गौहत्या करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है।
गौरतलब है कि 26 मई को नरेंद्र मोदी सरकार ने वध के लिये पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने 4 हफ्ते के लिए केंद्र सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है और इस संबंध में उससे जवाब मांगा है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने कहा था कि लोगों की ‘फूड हैबिट’ तय करना सरकार का काम नहीं है। इस संबंध में केन्द्र के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमवी मुरलीधरन और जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने कहा था कि अपने पसंद का खाना चुनना सभी का व्यक्तिगत मामला है और इस अधिकार में कोई दखल दे नहीं सकता।