दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच चल रहे विवाद का जल्द हल होने की संभावना बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से कहा है कि वह इस मामले को सुलझाएं।
आउटलुक के साथ एक बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने उपराज्यपाल को कहा है कि वह इस मामले को हल करें। देश के इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति पैदा हुई है जो किसी के हित में नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
महत्वपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उपराज्यपाल के आवास पर दिये जा रहे धरने के बाद से पहली बार गृह मंत्री ने इस मामले को हल कराने के संबंध में यह बात कही है।
दिल्ली में चल रहे इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह कहा है कि पहली बार किसी चीफ मिनिस्टर को अपने उपराज्यपाल के खिलाफ धरना देना पड़ा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें लगता है कि हल हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी बयान दिया है कि वह नौकरशाही हो पूरी सुरक्षा प्रदान करेंगे। इस मुद्दे में हमारा कोई रोल नहीं है जो भी करना है उपराज्यपाल को करना है।
लेकिन सवाल है कि ऐसे हालात क्यों पैदा हुए हैं इस पर विचार करना चाहिए। स्वतंत्र भारत में ऐसी स्थिति पहली बार पैदा हुई है। और भविष्य में यह दोहराया नहीं जाना चाहिए। इस पर भी विचार करना चाहिए। लोकतंत्र में लोक और तंत्र दोनों को साथ मिलकर चलना होता है। लोक तंत्र में कौन बड़ा इस पर बात नहीं होनी चाहिए। सबको साथ मिलकर चलना चाहिए।
गृह मंत्री के इस बयान के बाद स्थिति तेजी से बदलती जा रही है और इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उपराज्यपाल जल्दी ही इस मुद्दे को हल करने के लिए पहल कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आठ दिनों से चल रहा राजनीतिक गतिरोध शीघ्र खत्म हो सकता है।
हालांकि, राजनाथ सिंह ने इस बात से इनकार किया कि अफसर किसी तरह की हड़ताल पर हैं और आप सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ने कहा, “अगर अफसर काम नहीं कर रहे होते तो बजट कैसे बनता।” गृह मंत्री ने कहा कि जो स्थिति बनी है उससे दिल्ली के लोग परेशान हो रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके वरिष्ठ मंत्री अफसरों की कथित हड़ताल को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय में पिछले आठ दिन से धरने पर बैठे हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत अनशन के दौरान खराब हो गई और इन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था।