गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की राह मुश्किल नजर आ रही है। हालांकि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायकों के बावजूद उसके पास अभी 44 विधायक हैं लेकिन वह जीत के आंकड़े 46 वोटों से अभी दूर है । गुजरात में यूपीए की सहयोगी पार्टी एनसीपी के पास 2 विधायक हैं। हालांकि पहले एनसीपी के प्रवक्ता डी.पी त्रिपाठी ने आउटलुक से बात करते हुए कांग्रेस को समर्थन देने की बात की थी लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि गुजरात के लिए प्रफुल पटेल ही निर्णय करेंगे।
कांग्रेस ने फिलहाल अपने 44 विधायकों को आणंद जिले के एक रिजॉर्ट में रोक रखा हैं। लेकिन परेशानी यह है कि चुनाव से पहले ही उसके कई विधायक टूटकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं और कई के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। इससे अहमद पटेल के राज्यसभा पहुंचने का रास्ता मुश्किल बना हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने उसके विधायकों को खरीदने के लिए प्रत्येक को 15 करोड़ रुपए और टिकट का ऑफर दिया है। इसके बाद ही कांग्रेस ने किसी और टूट से बचाने के लिए अपने 44 विधायकों को कर्नाटक भेजा था।
जादुई आंकड़े की जरूरत
गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी के 6 और विधायकों ने इस्तीफे दे दिया था। जिस वजह से 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 57 से घटकर 51 रह गई थी। लेकिन 51 विधायकों में से 7 विधायकों ने अभी तक अपने पत्तें नहीं खोले हैं। ये विधायक बेंगलुरू भी नहीं गये थे इसलिए समझा जा रहा है कि ये भी कांग्रेस के साथ नही हैं। इस वक्त कांग्रेस के पास 44 विधायक तो दिख रहें हैं लेकिन अहमद पटेल को जीत के लिए 46 विधायकों का समर्थन चाहिए।