राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि पॉक्सो अधिनियम के तहत बलात्कार मामले में सजायाफ्ता को दया याचिका दाखिल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। माउंट आबू में एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर “राक्षसी” हमलों ने देश की अंतर्आत्मा को झकझोर कर रख दिया है और इस मुद्दे पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
कोविंद ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मसला है। इसके लिए काफी कुछ किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। बच्चियों पर राक्षसी हमलों ने देश की अंतर्आत्मा को हिला कर रख दिया है। यह हर माता-पिता का दायित्व बनता है कि वे लड़कों को महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना सिखाएं।” राष्ट्रपति मुंस आबू में ब्रह्म कुमारी के मुख्यालय में ‘सामाजिक बदलावों के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण’ विषय के राष्ट्रीय सम्मेलन पर बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने जोर दिया कि समानता और सौहार्द्र आधारित समाज सिर्फ महिलाओं को सशक्त करके ही हासिल किया जा सकता है।
उधर, 16 दिसंबर 2012 को निर्भया गैंगरेप और हत्या के आरोपियों की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज करने की गुजारिश की है।