ऐसे वक्त में जब सरकार गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के मुद्दे पर घिरी हुई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों से कथित गौ-रक्षकों पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं, ऐसे में आरएसएस की तरफ से गाय के नाम पर हो रही हिंसा पर बयान आया है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा है कि आरएसएस गौ-रक्षा के नाम पर हिंसा का समर्थन नहीं करता।
पीटीआई के हवाले से खबर है कि मनमोहन वैद्य ने गुरुवार को कहा, ''इसे आरएसएस से जोड़ने के बजाय जो दोषी हों उन्हें सजा मिलनी चाहिए। कानून अपना काम करेगा।''
मनमोहन वैद्य गौ-रक्षा से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ''गौ रक्षा एक दूसरी चीज है। गौ-रक्षा आंदोलन सैकड़ों सालों से चलता आ रहा है। ऐसी घटनाएं पहले भी होती रही हैं। पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है।''
मनमोहन वैद्य ने आरोप लगाया कि मीडिया ने इसे एक विचारधारा से जोड़ने की कोशिश की और विपक्ष ने इस पर राजनीति शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, ''ये गलत है। आरएसएस ने ऐसी किसी भी हिंसा का कभी समर्थन नहीं किया। इस पर राजनीति करना और समाज के एक हिस्से को बदनाम करना सही नहीं है।''
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रचार सम्मेलन आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को खत्म हुआ। यहां राज्य की स्थिति, देश और दूसरे कई मुद्दों पर चर्चा हुई। ये सम्मेलन अमरनाथ यात्रियों पर हमला, यहां की खराब सुरक्षा व्यवस्था और राज्य में बढ़ रहे उग्रवाद के विरोध में बुलाया गया था।
मनमोहन वैद्य ने ये भी कहा, ''हिंदुत्व इस देश की पहचान है, जो किसी दूसरे धर्म के विरोध में नहीं है। हम 'सर्वे भवन्तु सुखिन:' के दर्शन पर विश्वास करते हैं।''
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुने जाने पर वैद्य ने कहा, ''ये स्वागत योग्य है। वो भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं और राज्यपाल भी रहे। ये पार्टी का चुनाव था कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया जाए।'' उन्होंने कहा, ''सम्मेलन में बंगाल की स्थिति पर भी चर्चा हुई। वहां हिंदुओं का जीवन खतरे में है और सरकार चुप है।''