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वार्षिक पूजा के लिए खुले सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुरक्षा व्यवस्था सख्त

सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर गतिरोध जारी है। मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार तड़के...
वार्षिक पूजा के लिए खुले सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुरक्षा व्यवस्था सख्त

सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर गतिरोध जारी है। मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार तड़के पुणे से कोच्चि पहुंचीं भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई और उनकी छह महिला साथियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति और उनकी महिला साथी एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल पाईं। तृप्ति ने एलान किया था कि वो मंदिर में दाखिल होंगी और भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी। शुक्रवार शाम मंदिर के कपाट दो महीने के लिए खोले गए और वार्षिक पूजा हुई। वहीं एहतियात के तौर पर मंदिर परिसर में भारी संख्या में पुलिस कमांडो तैनात किये गये हैं।

बता दें कि आज से शुरू होकर दो महीने चलने वाला ‘मंडाला मक्कारविलक्कु’ श्रृद्धालुओं के आने का विशेष मौसम होता है। इस समय को देखते हुए राज्य सरकार के सामने फिर से चुनौती होगी कि वह स्थिति से कैसे निपटती है। गतिरोध को सुलझाने के लिए एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जो बेनतीजा रही थी। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर के आसपास के निलक्कल, पंबा और सन्निधानम इलाकों में धारा 144 लगा दी है।

पुलिस ने तृप्ति से कहा- वापस जाओ

भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई सात महिलाओं के साथ शुक्रवार तड़के केरल पहुंचीं। उनके आने की खबर लगते ही प्रदर्शनकारी रात से ही कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर डट गए। भारी विरोध के चलते तृप्ति के साथ पुणे से आई कोई महिला बाहर नहीं निकल पाई। तृप्ति ने कहा कि पुलिस ने उनसे पुणे वापस लौट जाने को कहा है।

सर्वदलीय बैठक रही थी बेनतीजा
केरल के मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर को राज्य में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जो बेनतीजा रही। कांग्रेस और भाजपा ने सरकार से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले को लागू करने के लिए और समय मांगे। इसके दोनों दलों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने के लिए भी बाध्य है। यह सर्वदलीय बैठक सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई निश्चित करने के एक दिन बाद ही बुलाई गई थी।

मंदिर जाने के लिए तृप्ती देसाई पहुंची केरल
मंदिर में प्रवेश को लेकर एक्विटस्ट तृप्ति देसाई कोचीन एयरपोर्ट पर पहुंच गई हैं लेकिन फिलहाल प्रदर्शनकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया। इससे पहले तृप्ती देसाई ने मंदिर दर्शन करने के लिए राज्य सरकार से विशेष सुरक्षा प्रबंध करने के लिए कहा था जिसे सरकार ने करने से मना कर दिया था। मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आंदोलन चलाने वाली तृप्ति देसाई भूमाता ब्रिग्रेड की प्रमुख हैं। इससे पहले वे सबरीमला के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने की भी कोशिश कर चुकी हैं। उस समय तृप्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था।

22 जनवरी को होगी ओपन कोर्ट सुनवाई
13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर पर आई 48 याचिकाओं पर एक साथ ओपन कोर्ट में सुनवाई करने को सहमती दी थी। 22 जनवरी को यह सुनवाई पांच जजों की बेंच करेंगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की उस मांग को भी खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 22 जनवरी तक महिलाओं के प्रवेश संबंधी कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।

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