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जासूसी के आरोप में बर्खास्त वायुसेना अधिकारी गिरफ्तार

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित रूप से जासूसी करने वालों के साथ गोपनीय सूचनाए साझा करने के आरोप में वायुसेना के एक बर्खास्त अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने पंजाब के भटिंडा से गिरफ्तार किया है। इस अधिकारी को जासूसों ने मोहजाल के जरिए फंसाया था।
जासूसी के आरोप में बर्खास्त वायुसेना अधिकारी गिरफ्तार

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने आज बताया कि रंजीत भटिंडा में भारतीय वायुसेना में प्रमुख विमानकर्मी था। उसे हाल ही में बर्खास्त किया गया था और बाद में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और एयरफोर्स लायजनिंग यूनिट के संयुक्त अभियान के पश्चात गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार केरल के मलाप्पुरम का निवासी रंजीत वर्ष 2010 में वायुसेना से जुड़ा था। उस पर सरकारी गोपनीयता कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को मोहजाल में फंसाने वाले एक माड्यूल का पता लगा है जिसे सीमापार के खुफिया एजेंटों का सहयोग प्राप्त था। ये लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फर्जी अकाउंट खोलते हैं और अपने को महिला के रूप में पेश कर रक्षाकर्मियों तथा सुरक्षाबलों के अधिकारियों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें जासूसी के लिए फंसा लेते हैं। इस मामले में रंजीत को दामिनी मैकनाउट नाम से अकाउंट चलाने वाले ने खुद को ब्रिटेन में एक मीडिया कंपनी का कार्यकारी बताया और उसने रंजीत को पैसे का लालच देकर अपनी पत्रिका में आलेख लिखने के नाम पर वायुसेना से जुड़ी सूचनाएं मांगी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने बताया कि रंजीत ने वायुसेना से जुड़ी सूचनाएं साझा की जिनमें ज्यादातर हाल के अभ्यास विमान की आवाजाही, विभिन्न इकाइयों की तैनाती आदि शामिल हैं। उसके बदले उसके खाते में धन का अंतरण किया गया।

कुमार के अनुसार रंजीत के मोबाइल पर वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल आधारित फोन आए जिस दौरान एक महिला ने ब्रिटिश शैली में अपने आप को दामिनी मैकनाउट बताया और एक बार उसका साक्षात्कार भी किया। उसने बाद में उसे और सूचनाएं जुटाने की जिम्मेदारी दी। रंजीत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया और आज यहां अदालत में पेश किया गया। जांच से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार रंजीत ने ई-मेल और इंटरनेट आधारित टेक्स्ट मेसेजिंग सेवाओं से भी सूचनाएं साझा कीं। उसने जिन दस्तावेजों को साझा किया, अब उनका इस बात के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है कि उनसे वाकई कितना नुकसान हुआ तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस फंसाने वाले मॉड्यूल की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है और वह उससे जुड़े और सुरक्षाकर्मियों की पहचान का पता लगाने में लगी है।

रंजीत की गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है जब आईएसआई समर्थित जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है तथा इस सिलसिले में एक सेवारत और पूर्व सैन्यकर्मी तथा एक सेवारत बीएसएफ कर्मी समेत पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं। वैसे पुलिस रंजीत और दूसरे रैकेट के बीच संबंध स्थापित नहीं कर पाई है। दूसरा रैकेट कफैतुल्लाह खान चलाता था जिसके यहां पाकिस्तान उच्चायोग में भी सूत्र थे। खान जम्मू से भोपाल जाने के दौरान दिल्ली में पकड़ा गया था। तीन अन्य जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गिरफ्तार किए गए थे। एक व्यक्ति पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पुलिस की गिरफ्त में आया था। इन गिरफ्तारियों से पहले कोलकाता और मेरठ में कुछ कथित आईएसआई जासूस गिरफ्तार किए गए थे।

 

 

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